क्या चोरी की खनन सामग्री प्रयोग कर रहे हैं नगर पालिका और ग्राम पंचायतेंः एसोसिएशन

देहरादून। ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा एवं महासचिव भास्कर चुग ने विभिन्न ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिका द्वारा निर्माण कार्यों विकास कार्यों एवं मरम्मत कार्यों में प्रयोग की जाने वाली खनन सामग्री के संबंध में बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत खनन सामग्री के भवन में मांगे जाने पर नगर पालिका विकासनगर एवं विभिन्न ग्राम पंचायतों ने जवाब दिया है कि खनन सामग्री के रबन्ने आधारित नहीं है। प्रश्न यह उठता है कि बिना खनन सामग्री के प्रयोग के जब कोई सीसी मार्ग नहीं बन सकता टाइल मार्ग नहीं बन सकता एवं नाही किसी प्रकार का कोई निर्माण कार्य विकास कार्य अथवा मरम्मत कार्य हो सकता है तो निश्चित रूप से इन सब में खनन सामग्री का प्रयोग तो हुआ है. परंतु खनन सामग्री के रावण ने नहीं होना किस बात का प्रमाण है कि इन सब सरकारी विभागों के द्वारा खनन सामग्री चोरी की प्रयोग की गई है ऐसा संदेह पुख्ता होता है। यदि सरकारी विभाग ही चोरी की खनन सामग्री प्रयोग करेंगे तो निश्चित रूप से यह विभाग अवैध खनन को प्रश्रय और बढ़ावा दे रहे हैं जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा एवं महासचिव भास्कर चुग ने कहा कि जिलाधिकारी देहरादून एवं प्रदेश के प्रशासन से प्रकरण की शिकायत की जा रही है और सरकार से यह मांग भी की जा रही है कि प्रकरण की जांच करें एवं यदि चोरी की खनन सामग्री का प्रयोग किया गया है तो इसकी राजस्व की वसूली दोषियों से की जाए और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही भी की जाए। यदि सरकार कार्यवाही नहीं करते तो एसोसिएशन इस प्रकरण को उच्च न्यायालय के समक्ष ले जाएगी।

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