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महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किए बाबा केदार के दर्शन, चुनाव में जीत के लिए बाबा का लिया आशीर्वाद

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रुद्रप्रयाग। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पूर्व पत्नी समेत परिवारी जनों के साथ बुधवार को बाबा केदार के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने चुनाव में जीत के लिए बाबा का आशीर्वाद लिया।  फडणवीस सुबह साढ़े दस बजे चार्टर हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे। यह उनका निजी कार्यक्रम था, जिस कारण प्रशासन व पुलिस को इस बारे में कोई सूचना नहीं थी। मंदिर पहुंचने पर मुख्य पुजारी केदार लिंग ने उनकी पूजा संपन्न करवाई। रुद्राभिषेक करने के बाद फडणवीस ने मंदिर की परिक्रमा की और कुछ देर तक केदारनाथ की हिमाच्छादित चोटियों के सौंदर्य को निहारते रहे।  इस दौरान मंदिर समिति की विजिटर बुक में फडणवीस ने लिखा कि वह बाबा केदार के दर्शनों से अभिभूत हैं और स्वर्ग में होने जैसा अहसास कर  रहे है। करीब डेढ़ घंटा केदारनाथ धाम में रहने के बाद फडणवीस वापस लौट गए

हर्षिल एप्पल फेस्टिवल में प्रदर्शित की गई सेब की विभिन्न प्रजातियां

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  उत्तरकाशी। हर्षिल एप्पल फेस्टिवल के समापन के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शिरकत की। मुख्यमंत्री ने हर्षिल में पहुँचकर लक्ष्मीनारायण मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। हर्षिल एप्पल फैस्टिवल में मुख्यमंत्री ने सेब की विभिन्न किस्मों की प्रजाति की प्रदर्शनी, फोटो गैलरी एवं गढ़ संग्रालय का अवलोकन किया। सेब महोत्सव के दूसरे व अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने सेब का बना केक काटा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' शॉर्ट मूवी का भी शुभांरभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने तिलक सोनी द्वारा लिखित पुस्तक टेकिंग गढ़वाल इन हिमालय का भी विमोचन किया। हर्षिल सेब महोत्सव में मुख्यमंत्री ने कई अहम घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि चीन सीमा से लगे प्रदेश के विकास खण्डों भटवाड़ी उत्तरकाशी, धारचूला, मुनस्यारी, पिथौरागढ़, जोशीमठ चमोली में केन्द्रीय योजना सीमान्त विकास योजना की भांती स्टेट एरिया डेवलपमेंट योजना लागू की जाएगी। नेलांग वैली से 30 किमी आगे तक पर्यटन हेतु खोला जाएगा। सीमावर्ती नेलांग में जिन लोगों की सम्पत्ति है उनक

राप्रावि मातली की प्रधानाध्यापिका चंद्रकला शाह ने बदल दी विद्यालय की तस्वीर

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उत्तरकाशी। एक ओर बदहाल शिक्षा व्यवस्था के चलते राजकीय प्राथमिक विद्यालयों से लोगों को लगातार मोहभंग होता जा रहा हैं, जिस कारण इन विद्यालयों में छात्र संख्या लगातार घटती जा रही हैं वहीं कुछ विद्यालय वहां कार्यरत शिक्षकों के समर्पण भाव के चलते ऐसे भी हैं जो कि पब्लिक स्कूलों टक्कर दे रहे हैं। ऐसा ही एक विद्यालय है राजकीय प्राथमिक विद्यालय मातली। यहां की प्राधानाध्यापिका चंद्रकला शाह बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देती हैं।  चंद्रकला शैलेश मटियानी शिक्षक पुरस्कार के लिए चुनी गई हैं ।   राजकीय प्राथमिक विद्यालय मातली की प्रधानाध्यापिका चंद्रकला शाह बिना सरकारी मदद के विद्यालय में लैपटॉप एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से स्मार्ट क्लास शुरू की। यही वजह है कि मातली गांव में 9 प्राइवेट स्कूलों के बावजूद ग्रामीण अपने बच्चों को उनके सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। वर्ष 1993 में हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे मोरी प्रखंड के गैंच्वाणगांव बेसिक स्कूल से अपनी सेवाएं प्रारंभ करने वाली शिक्षिका चंद्रकला शाह ने शुरूआती 14 वर्षों तक सड़क मार्ग से दूर दुर्गम पैदल दूरी पर स्थित विद्यालयों में सेवाएं दीं।इ

डेंगू के डंक से लोगों में दहशत, प्रशासन की लापरवाही लोगों पर भारी

किच्छा। प्रशासन की लापरवाही के चलते डेंगू का प्रकोप क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन डेंगू से हो रही मौत ने प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है। गत दिवस उपचार के दौरान डेंगू के चलते एक महिला की मौत हो गई। ज्ञात हो कि किच्छा नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।  जहां एक ओर नगर के सरदार बल्लभ भाई पटेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू की जांच तथा डेंगू का उपचार की व्यवस्था ना होने के चलते डेंगू का एक भी मरीज सीएचसी में भर्ती नहीं है। वहीं दूसरी ओर नगर के तमाम निजी चिकित्सालयों में डेंगू मरीजों का उपचार हो रहा है। अस्पताल में बेड की व्यवस्था ना होने के चलते मरीजों को नीचे जमीन पर ही लिटा कर डेंगू का इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू का प्रकोप लगातार बढने के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई कड़े कदम रोकथाम के लिए ना उठाए जाने के कारण आम जनता में प्रशासन व सरकार के खिलाफ भारी रोष देखने को मिल रहा है। इधर निकटवर्ती ग्राम आजादनगर निवासी महिला की डेंगू से मौत होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

मोबाइल शोरूम से लाखों रुपये के मोबाइल उड़ाए

रुद्रपुर। धनतेरस से ठीक एक दिन पहले मोबाइल शोरूम से लाखों रुपये के मोबाइल उड़ाने का मामला सामने आया है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. पुलिस अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर शोरूम का मुआयना किया गया. वहीं आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है। शहर के महाराज अग्रसेन चैक के पास स्थित मोबाइल शोरूम से कुछ चोरों द्वारा लाखों रुपये के मोबाइल उड़ा दिए गये. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में एसएसपी बरिंदर जीत सिंह और एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे. जिसके बाद चोरी के खुलासे के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित कर दी हैं.जानकारी के अनुसार काशीपुर बाईपास पर गदरपुर निवासी केशव ढीगरा का मोबाइल का शोरूम है. बीती रात रोजाना की तरह कर्मचारी शोरूम को बंद कर चले गए थे. सुबह जब कर्मचारी शोरूम में पहुंचे तो सबके होश उड़ गये. शोरूम में रखे सभी मोबाइल गायब थे. जिसकी जानकारी कर्मचारियों द्वारा शोरूम मालिक और पुलिस को दी गई.एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए जांच श

बाघ के हमले से बचने के लिए सिर पर मुखैटा लगाकर गश्त करेंगे वन कर्मी

कोटद्वार। बीते जुलाई से अक्टूबर माह तक कालागढ़ टाइगर रिजर्व की प्लेन रेंज में बाघ द्वारा दो वन कर्मियों को निवाला बनाया जा चुका है। जिसके बाद अब बाघ के इस बदलते रवैये की जांच के लिए कमेटी गठित करने की तैयारी चल रही है। साथ ही बाग से सुरक्षा के लिए वन कर्मियों को सिर के पीछे आदमी का मुखौटा लगाने और गश्त पर तीन के स्थान पर चार वन कर्मियों को एक साथ रहने की सलाह दी गई है। कालागढ़ टाइगर रिजर्व की प्लेन रेंज में 4 माह में दो वन कर्मियों पर बाघ के हमले हो चुके हैं। जिसके बाद वन मंत्री डॉ. हरक सिंह ने बाघों के बदलते व्यवहार पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कार्बेट के घनत्व क्षेत्र में 150 बाघों की रहने की क्षमता है। लेकिन वर्तमान में कार्बेट में 250 बाघ मौजूद हैं, यह बाघों के व्यवहार में बदलाव का मुख्य कारण हो सकता है। जिसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। गौरतलब है कि कालागढ़ टाइगर रिजर्व की प्लेन रेंज में चार माह के भीतर बाघ के हमले में दो वन कर्मियों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद वन महकमा बाघ के बदले व

भैंसा बुग्गी के नीचे दबकर युवक की मौत, परिवार में मचा कोहराम

हरिद्वार। लक्सर के टांडा मझादा गांव निवासी एक युवक मिट्टी से भरे भैंसा बुग्गी के नीचे दब गया, जिससे उसकी मौत हो गई। मामले की सूचना पर भिक्कमपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि युवक भैंसा-बुग्गी में मिट्टी लेकर आ रहा था। भैंसा बिदकने के कारण अनियंत्रित गाड़ी के नीचे आ जाने से युवक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार सुबह टांडा मझादा गांव निवासी प्रमोद कुमार पुत्र नकली (30 वर्ष) मिट्टी लेने के लिए अपनी भैंसा-बुग्गी लेकर गांव के पास ही खेत में गया था। बताया जा रहा है कि प्रमोद भैंसा- बुग्गी में मिट्टी भर कर जैसे ही चला तो भैंसा विदक कर दौड़ पड़ा, अनियंत्रित भैंसा-बुग्गी के नीचे आ जाने से युवक की मौत गई। रास्ते से गुजर रहे ग्रामीणों ने यह देख मामले की जानकारी प्रमोद के परिजनों को दी। प्रमोद की मौत होने की सूचना मिलते ही टांडा मझादा गांव के दर्जनों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। वहीं मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ------------------------------ ------------------------