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गंगा-यमुना घाटी में बिजली गुल होने से पसरा अंधेरा

  उत्तरकाशी। बीती शाम गंगा-यमुना घाटी में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवा के साथ ओलावृष्टि हुई। इसके चलते देवीधार के पास विद्युत लाइन पर चीड़ का पेड़ गिर गया, जिसके पास पूरे जिले में अंधेरा पसर गया। शाम साढ़े चार बजे ही पूरी गंगा-यमुना घाटी में अंधेरा पसरा है। इसके अलावा जिले के ज्ञानूस, बड़ेथी, भटवाड़ी क्षेत्र में में कई घरों की टीन से बनी छत तेज हवा में उड़ गई। जबकि, ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को खास नुकसान हुआ है। खासकर सेब, आडू, खुमानी, पुलम की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही नगदी फसलों की पौध भी बर्बाद हो गई। वहीं चुंगी बड़ेथी के पास एक मकान के ऊपर चीड़ का पेड़ गिरा। बच्चे और परिवार के सदस्य बाल-बाल बचे। वहीं, यमुना घाटी वाले क्षेत्र नौगांव ब्लॉक के नंदगांव में अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के खेतों में मलबा घुसने के कारण फसल भी खराब हुई। इसके साथ ही रास्ते भी टूट गए हैं और एक ग्रामीण की गोशाला को भी नुकसान पहुंचा है। नंदगांव के ग्रामीण विनोद बिष्ट ने बताया कि नंदगांव के पास जंगताड़ी, खरकाना, मुनीरगढ़ में भारी अतिवृष्टि हुई। अतिवृष्टि होने के कारण

गंगा-यमुना घाटी में बिजली गुल होने से पसरा अंधेरा

उत्तरकाशी। बीती शाम गंगा-यमुना घाटी में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवा के साथ ओलावृष्टि हुई। इसके चलते देवीधार के पास विद्युत लाइन पर चीड़ का पेड़ गिर गया, जिसके पास पूरे जिले में अंधेरा पसर गया। शाम साढ़े चार बजे ही पूरी गंगा-यमुना घाटी में अंधेरा पसरा है। इसके अलावा जिले के ज्ञानूस, बड़ेथी, भटवाड़ी क्षेत्र में में कई घरों की टीन से बनी छत तेज हवा में उड़ गई। जबकि, ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को खास नुकसान हुआ है। खासकर सेब, आडू, खुमानी, पुलम की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही नगदी फसलों की पौध भी बर्बाद हो गई। वहीं चुंगी बड़ेथी के पास एक मकान के ऊपर चीड़ का पेड़ गिरा। बच्चे और परिवार के सदस्य बाल-बाल बचे। वहीं, यमुना घाटी वाले क्षेत्र नौगांव ब्लॉक के नंदगांव में अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के खेतों में मलबा घुसने के कारण फसल भी खराब हुई। इसके साथ ही रास्ते भी टूट गए हैं और एक ग्रामीण की गोशाला को भी नुकसान पहुंचा है। नंदगांव के ग्रामीण विनोद बिष्ट ने बताया कि नंदगांव के पास जंगताड़ी, खरकाना, मुनीरगढ़ में भारी अतिवृष्टि हुई। अतिवृष्टि होने के कारण ज

कोरोना से बचाव को लेकर होगी कार्यशाला, हिस्सा लेंगे कई वैज्ञानिक

श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर का इनोवेशन सेल कोरोना महामारी के कारण और बचाव को लेकर कोविड-19 विषय पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। दो मई से शुरू हो रही इस कार्यशाला में देश-विदेश के जाने माने वैज्ञानिक विशेषज्ञ गूगल मीट के माध्यम से कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल के दिशा निर्देशों पर ऑनलाइन और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यों को बढ़ावा देने की योजना को यह कार्यशाला अमलीजामा भी पहनाने जा रही है। बैंकॉक से डॉ. राजन सुरेश रत्ना, दुबई से डॉ. चंदना चक्रवर्ती, अमेरिका के प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट डॉ. सुधांशु शेखर पांडे के साथ ही विभिन्न देशों के अन्य कई प्रख्यात वैज्ञानिक और एसजीपीजीआइएमएस लखनऊ के डॉ. नवीन कुमार, आइआइटीएम दिल्ली के डॉ. अतुल श्रीवास्तव, आगरा के डॉ. रंजीत, आइआइटीएम पुणो के डॉ. देवेंद्र सिंह, बरेली की डॉ. अर्चना गुप्ता जैसे अन्य कई प्रख्यात वैज्ञानिक इस कार्यशाला में गूगल मीट के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान करने के साथ ही अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेंगे। इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के संयोजक और गढ़वाल

ऑटो चालकों की तीन माह की ईएमआई माफ करने की मांग

कोटद्वार। लॉकडाउन में ऑटो संचालित न होने के कारण ऑटो चालकों को भारी आर्थिक संकट से जुझना पड़ रहा है। उनकी परेशानियों को देखते हुए सिद्धबली ऑटो एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से ऑटो चालकों की तीन माह की ईएमआई किश्त माफ करने की मांग की है। इस संबंध में एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश बड़थ्वाल ने मुख्यमंत्री के लिए ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण पिछले एक माह से अधिक समय से उनका काम बंद पड़ा है। जिस कारण उनके सामने आर्थिकी संकट उत्पन्न हो गया है। कहा कि इस व्यवसाय से कोटद्वार में लगभग 800 लोग जुड़े हुए है। जो ऑटो चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते है, जिनमें से अधिकतरों ने ऑटो लोन पर ले रखे हैं लॉकडाउन के दौरान ऑटो संचालित न होने के कारण ऑटो चालकों के सम्मुख बच्चों की शिक्षा व परिवार की जीविका की समस्या खड़ी हो गई है। कहा कि इसलिए सरकार इन ऑटो चालकों की तीन माह की ईएमआई को माफ करने का निर्णय लें। अगर सरकार ईएमआई माफ नहीं कर सकती है, तो सरकार उक्त चालकों को उचित मुआवजा दे, ताकि वे ईएमआई जमा कर सके और अपने परिवार का भरण पोषण भी कर सके।

अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त अंक दिए जाए

पौड़ी। एनएसयूआई ने लॉकडाउन के चलते हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं ने समस्याओं के हल की मांग को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व विवि की कुलपति को मेल के माध्यम से पत्र भेजा है। पत्र के माध्यम से एनएसयूआई ने छात्र-छात्राओं की समस्याएं हल करने की मांग की है। पत्र में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष गौरव सागर ने कहा है कि पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है। विवि में छात्र-छात्राओं की क्लासेज ना ही पर्याप्त मात्रा में लग पाई है और ना ही छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम पूरा हो पाया है। उन्होंने पहले व दूसरे वर्ष के छात्र-छात्राओं को परीक्षा बिना ही अगली कक्षा में पद्दोन्त करने, पाठ्यक्रम के लिए छूटी हुई अतिरिक्त कक्षाएं विवि को खुलने के बाद संचालित करने, साथ ही अंतिम वर्ष के छात्र- छात्राओं को 10 अतिरिक्त अंकों के साथ पिछले प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नत करने की मांग की है। पत्र में छात्रसंघ अध्यक्ष आस्कर रावत, अरविंद नैथानी, मनोज रावत, राजेश भंडारी, सत्यम कालरा, वैभव सकलानी, अमित भट्ट, शुभम रावत, इंद्रमोहन आदि के नाम शामिल थे।

प्रदेश में बाहर से आने व जाने वालों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी

टिहरी। कोरोना काल में गृह मंत्रालय भारत सरकार की गाइड लाइन के अुनसार देश के विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिक, तीर्थ यात्री, पर्यटक, विद्यार्थी व अन्य को वापस लाने के संबंध में डा वी षणमुगम ने सीडीओ अभिषेक रूहेला को नोडल अधिकारी एवं परियोजना निदेशक डीआरडीए बीसी भट्ट व जिला युवा कल्याण अधिकारी मुकेश डिमरी को सहायक नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जनपद क्षेत्रान्तर्गत फंसे ऐसे श्रमिक, तीर्थ यात्री, पर्यटक, विद्यार्थी जो अन्य जनपदों या राज्यों में जाना चाहते हैं, वे संबंधित तहसील स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम के नम्बरों पर सम्पर्क कर सकते हैं। जिसमे तहसील टिहरी के अंतर्गत रह रहे व्यक्ति- 01376-232520, जाखणीधार -8126290760, 8755075185, कंडीसौड़-9568244233, प्रतापनगर व रजाखेत-01379-262230, 9389847419, घनसाली-01379-258511, कीर्तिनगर-01370-260045, नरेंद्रनगर-01378-227283-85, 9411504300, गजा-9389633513, धनोल्टी-01376-226236-37 एवं तहसील नैनबाग के अंतर्गत रह रहे व्यक्ति 9456718588 पर सूचना दर्ज करा सकते हैं। मामले में सीडीओ ने सभी सम्बंधित एसडीएमों को निर्देश दिये हैं, कि तहसील स्तर पर कंट्रोल को माइ

राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाने की तैयारियों की समीक्षा की

देहरादून। मुख्यमंत्री श्रत्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाने की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित राज्यों से समन्वय बनाते हुए सुनियोजित तरीके से सारी व्यवस्था की जाए। इसमें पूरी सावधानी के साथ व्यक्तिगत दूरी, मास्क, सेनेटाइजेशन आदि मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। जिन लोगों को वापस लाया जाना है, कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत उनकी समुचित स्क्रीनिंग की जाए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही सारी कार्यवाही हो। राज्य में आने पर यदि होम क्वारेंटाईन किया जाता है तो यह भी सुनिश्चित किया जाए कि होम क्वारेंटाईन का सख्ती से पालन हो। इसके लिये आवश्यक होने पर ग्राम प्रधानों को कुछ अधिकार दिये जा सकते हैं। सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि अभी तक 87 हजार लोगों ने वापस आने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। इनमें अधिकांश लोग पर्वतीय जिलों के हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा भी उपस्थित थे।