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कम राजस्व वसूली के लिए जिम्मेदार कार्मिकों की जांच कर कार्यवाही की जायः डीएम 

देहरादून। जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कैम्प कार्यालय में खनन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ खनन एवं राजस्व वसूली की समीक्षा कैठक आयोजित की। कम राजस्व वसूली के लिए जिम्मेदार कार्मिकों की जांच कर कार्यवाही की जाय। जिलाधिकारी ने यह निर्देश अपर जिलाधिकारी प्रशासन और सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों को दिये कि राजस्व विभाग और और खनन विभाग के ऐसे अधिकारी और कार्मिक जिनकी मिलीभगत से अभी तक 40 प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही लम्बित रही, उनकी जांच करते हुए सख्त कार्यवाही की जाय। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि राजस्व वसूली के 40 ऐसे प्रकरण है जिन पर लम्बे समय से कार्यवाही लम्बित हैं, जिसमें अधिकतर मामलें तहसील स्तर पर नोटिस तामिलीकरण अथवा  वसूली प्रमाण  पत्र (आर.सी रिकवरी) इत्यादि के सापेक्ष कार्यवाही ना किये जाने के चलते लम्बित हैं। उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की तथा सभी से कहा कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी और कार्मिक को किसी भी दशा में बख्शा ना जाये। साथ ही इस समबन्ध में अग्रिम निर्देश दिये कि उपरोक्त लम्बित सभी 40 प्रकरणों पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही करते हुए तत

देहरादून जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 659 पहुंची

देहरादून। जिलाधिकारी डाॅं0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया है कि जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत 100 सैम्पल जांच हेतु भेजे गये तथा 99 जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें 3 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के फलस्वरूप जनपद में कोरोना पाॅजिटिव संक्रमितों की संख्या 659 हो गई है, जिनमें 119 व्यक्ति वर्तमान में उपचाररत् हैं। इसके अतिरिक्त जनपद में आज कुल 338 व्यक्तियों के सैम्पल लिये गये। आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा जनपद अंतर्गत शहरीय क्षेत्र, विकासखण्ड कालसी, एवं रायपुर में 8944 व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी का कार्य किया जिनमें होम क्वारंेटीन किये गये 112 व्यक्तियों की स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की गयी। इसके अतिरिक्त आंगवाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा आज जनपद के शहरी क्षेत्र एवं डोईवाला क्षेत्रान्तर्गत कुल 163 को-मोर्बिडिटी अवस्था वाले व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया गया तथा आतिथि तक कुल 3470 को-मोर्बिडिटी अवस्था वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। आशा कार्यकर्तियों की द्वारा जनपद देहरादून अन्तर्गत बनाये गये विभिन्न कन्टेंमेंट जोन में  व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी का कार

यूथ क्लब बड़ोवाला में 46 वाॅलिंटियर्स को प्रशिक्षण दिया गया 

देहरादून। कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ ए.के डिमरी, एवं जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जी.सी कण्डवाल द्वारा यूथ क्लब बडोवाला शिमला बाईपास के 46 वाॅलिंटियर्स को प्रशिक्षण दिया गया। जनपद में विभिन्न विकासखण्डवार मनरेगा कार्यों के अन्तर्गत आतिथि तक 1468 निर्माण कार्य प्रारम्भ किये गये, जिनमें 20307 श्रमिकों को सैनिटाईजेशन एवं सामाजिक दूरी का अनुपालन करवाते हुए उक्त कार्य में योजित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया। जला प्रशासन की टीम द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जनपद अन्तर्गत विकासखण्ड चकराता, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर व डोईवाला एवं तहसील सदर में कुल 90 निराश्रित पशुओं जिसमें, 82 गौवंश एवं 8 अन्य पशुओं को चारा व पशु आहार उपलब्ध कराया गया। जनपद में कोरोना वायरस से संक्रमण के प्रसार को रोके जाने के दृष्टिगत सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए निबन्धन कार्यालयों में आज जन सामान्य द्वारा कुल 58 लेख पत्रों का पंजीकरण (रजिस्ट्री) कराई गयी, जिससेे रू0 139.54 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ। वायु सेवा के माध्यम से जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर पंहुचे 243 प्रवासी  व्यक्तियों को स्व

शहर के विभिन्न वार्डों में डेंगू-मलेरिया के उन्मूलन को अभियान चलाया गया

देहरादून। जिलाधिकारी डाॅ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया है कि नगर निगम देहरादून अन्तर्गत कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के दृष्टिगत किये गये लाॅकडाउन एवं डेंगू-मलेरिया के उन्मूलन हेतु अभियान चलाया गया। जनपद के विभिन्न नगर निगम, नगर निकायों में आज स्वच्छता, फागिंग एवं सेनिटाईजेशन का कार्य किया गया। जिलाधिकारी द्वारा आज पत्थरीबाग क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए डेंगू-मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत् किये जा रहे कार्यों का भी जायजा लिया। जनपद में आज नगर निगम एवं नगर पालिका परिषद क्षेत्रों में डेंगू-मलेरिया एवं कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु व्यापक स्वच्छता, फाॅगिंग, सेनिटाइजेशन अभियान के साथ ही जनमानस को उक्त बीमारियों के प्रसार की रोकथाम एवं बचाव के सम्बन्ध में जागरूक किया गया। जनपद देहरादून के नगर निगम देहरादून एवं ऋषिकेश सहित समस्त नगर पालिका परिषदों यथा विकासनगर, डोईवाला, हरबर्टपुर, मसूरी क्षेत्रान्तर्गत सार्वजनिक स्थानों पर मुख्य सब्जी मंडी, एटीएम, बैंक, हाॅस्पिटल, दुकानें, बाजार, शाॅपिंक काम्पलेक्स माॅल आदि स्थानों पर सेनिटाईजेशन का कार्य किया गया।  जिला प्रशासन द्वारा आज

संदिग्ध परिस्थितियों में बहन के घर मिला युवती का शव

देहरादून। राजपुर क्षेत्र में युवती का उसकी बहन के घर से संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। हालांकि प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या बताया जा रहा है। वहीं पुलिस मामले को लेकर जांच में जुटी है। कोचर कॉलोनी में अल्मोड़ा की युवती ने अपनी बहन के घर देर रात को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन उसे अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने युवती को मृत घोषित कर दिया। वहीं सूचना मिलते ही पुलिस ने अस्पताल पहुंच कर पूछताछ के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। थाना राजपुर प्रभारी राकेश शाह ने बताया कि शाम को अस्पताल प्रशासन द्वारा पुलिस को सूचना दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर युवती की बहन से पूछताछ की और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और युवती के मोबाइल को भी खंगाला जा रहा है।

कोरोना दवा मामले में बाबा रामदेव सहित चार के खिलाफ मामला दर्ज

देहरादून। योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना संक्रमण को शत-प्रतिशत ठीक करने वाली दवा बाजार में उतारने के बाद सियासत तेज होने के साथ ही कई सवाल उठ रहे हैं। बाबा रामदेव की कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल के क्लिनिकल ट्रायल को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले जहां जयपुर के गांधी नगर थाने में आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. संजीव गुप्ता ने परिवाद दिया तो वहीं अब अधिवक्ता बलराम जाखड़ और अंकित कपूर ने ज्योतिनगर थाने में केस दर्ज करवाया है। कोरोना की दवा कोरोनिल का ऐलान कर दुनिया भर में तहलका मचाने वाले बाबा रामदेव और निम्स के डॉ. बलवीर सिंह तोमर, आचार्य बालकृष्ण, डॉ, अनुराग तोमर और अनुराग वार्णय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। जिसमें अधिवक्ता बलराम जाखड़ ने आरोप लगाया है की, निम्स में भर्ती नॉर्मल मरीजों पर ये रिसर्च किया गया था और निम्स यूनिवर्सिटी के सहयोग से कोविड-19 की दवा बनाई गई है। दर्ज एफआईआर के अनुसार अधिवक्ता बलराम जाखड़ ने कहा कि, वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने कोविड-19 को महामारी और राष्ट्रीय आपदा घोषित किया हुआ है। वहीं इसके लिए विभिन्न अधिसूचनाएं भी समय-समय पर जारी की हुई हैं। इन

माॅनसून के दौरान कहीं हादसों की सबब न बने टूटी फूटी सड़कंे

देहरादून। आपदाओं की दृष्टि से अतिसंवेदनशील उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। लेकिन अगर यहां की सड़कों को देखा जाए तो यही लगेगा, कि यह सड़कें इस बार की बारिश के लिए जरा भी तैयार नहीं हैं। राजधानी दून की, तो यहां की सड़कें बारिश से पहले दम तोड़ती दिख रही हैं। प्रशासन हर बार बारिश से पहले की तैयारी का दम भर रहा है, लेकिन यहां की सड़कों पर बने गढ्डे और उसमें से निकलती गिट्टियां शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोलती साफ दिखाई दे रही हैं। तो इस बार भी प्रदेश और राजधानी के लोगों को इन सड़कों पर बने गढडों से हो कर गुजरना होगा। राजधानी देहरादून में कई ऐसे चैराहे और मोहल्लों की सड़कें हैं, जहां बड़े-बड़े और गहरे गड्ढे हैं।  दरअसल इन सड़कों पर गढडे होने की मुख्य वजह स्मार्ट सिटी और सीवरेज के कामों का होना है। जिला प्रशासन हर बार कागजों पर सड़कों के सही होने का दम भरता है। लेकिन जमीनी हकीकत आप देखेंगे तो खुद ही जान जाएंगे, कि किए गए दावों की जमीनी हकीकत क्या है। राजधानी की सड़कों पर बने गड्ढे मॉनसूनी सीजन के दौरान बारिश के पानी से भर जाते हैं। इसे देख कर ऐसा लगता है, कि एक दम पास-पास बहुत छोटे-छोटे तालाब ब