Posts

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की जांच रिपोर्ट कोरोना पाॅजीटिव, खुद को किया आइसोलेट

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर हेंडल पर दी है। फिलहाल उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। अपनी पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा है, आज मैंने कोरोना जांच करवाई और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है और लक्षण भी नहीं हैं। अतरू डॉक्टरों की सलाह पर मैं होम आइसोलेशन में रहूंगा। मेरा सभी से अनुरोध है कि जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया वह खुद हो आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं।

सीएम ने कोविड वेक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों से कोविड वेक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये प्राथमिकतायें निर्धारित करते हुए वेक्सिनेशन सेन्टरों के चिन्हीकरण एवं आवश्यक उपकरणों के साथ ही मैन पॉवर की उपलब्धता का पूरा प्लान समय पर सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने स्कूलों के बजाय अस्पतालों एवं उसके आस पास क्षेत्रों में वेक्सिनेशन सेन्टर स्थापित करने को कहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में मण्डलायुक्तों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोविड 19 के बचाव से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिये है कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी लैब में प्रतिदिन हो रहे टेस्टो एंव उनकी क्षमता आदि का पूरा विवरण उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड डेथ रेट को कम करने के लिए विशेष प्रयास किये जाए। कोविड के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, किसी अन्य रोग से ग्रसित होने, देरी से अस्पत

उच्च न्यायालय नैनीताल के मुख्य न्यायाधीश होंगे राघवेंद्र सिंह चैहान

नैनीताल। तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चैहान जल्द ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभालेंगे। सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने इसकी सिफारिश की है। जुलाई में चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन के रिटायर हो के के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति रवि मलिमठ कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। तेलंगाना में अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में चीफ जस्टिस चैहान ने न्याय प्रणाली में काफी सुधार किया। कोविड-19 प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों और झीलों के प्रबंधन जैसे प्रमुख मुद्दों को व्यवस्थित करने के अपने प्रयासों से लोगों का दिल जीता। उन्होंने महामारी और प्रवासी श्रमिकों के बारे में नौकरशाहों और राज्य प्रशासन को संवेदनशील बना दिया। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने में उनके प्रयास की सराहना की गई। न्यायमूर्ति चैहान ने राजस्थान उच्च न्यायालय से जून 2005 में एक न्यायाधीश के रूप में यात्रा शुरू की थी। मार्च 2015 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। वह एक वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में तेल

श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ देने का खाका तैयार

देहरादून। उत्तराखंड में भी मनरेगा योजना के श्रमिकों को उत्तर प्रदेश, बिहार की तर्ज पर कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ मिल पाएगा। इन श्रमिकों और कर्मचारियों को ईपीएफ का लाभ देने को लेकर ग्राम विकास की ओर से 10 दिसंबर को ईपीएफ कार्यालय को एक पत्र भेजा गया था। जिसमें मनरेगा श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ देने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद से ही ईपीएफ कार्यालय ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। ऐसे में अब मात्र शासन स्तर से मंजूरी मिलने का इंतजार है। ईपीएफ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शासन स्तर से मंजूरी मिलने के बाद ही श्रमिकों को पीएफ कोड मुहैया करा दी जाएगी। जिसका खाका भी तैयार कर लिया गया है। हालांकि अभी, मनरेगा योजना में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को भी ईपीएफ का लाभ देने की योजना है। साथ ही मनरेगा योजना में कार्यरत 15 हजार रुपये से अधिक मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ देने की तैयारी है। ईपीएफ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने बताया कि ग्राम विकास सचिव ने मनरेगा श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ देने संबंधी पत्र भेजा था। जिसके बाद मनरेगा के श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ देने का खाका तैया

रेडक्रास सोसायटी के सदस्य खत्री ने किया मास्क और साबुन वितरण

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व जिला रेडक्रास सोसायटी के सदस्य मोहन खत्री ने राजपुर क्षेत्र मे कोरोना बचाव हेतू जागरूकता के साथ ही मास्क और साबुन वितरित करते हुए सभी से अपील की है कि दून हस्पताल मे रक्त की भारी कमी है और इसके लिए आमजन को रक्तदान हेतू आगे आये ताकि रक्त की कमी को पूरा करने मे मदद मिल सके। मोहन खत्री ने कहा कि मैं सभी संस्थाओ व आमजन से अपील करता हूँ कि रक्तदान हेतू आगे आये ताकि जरूरतमंद मरीजो को इसका लाभ मिल सके साथ ही हमे मिलकर कोरोना से बचना है और बचाना भी है। उन्हांेने कहा कि जागरूकता ही करोना से बचाव का सबसे माध्यम है।

पानी की तरह बनो अपना रास्ता चुनोः गुलशन कुमार

देहरादून। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई राजकीय इंटर कॉलेज छरबा देहरादून का एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया। स्पर्श गंगा अभियान में गंगा की अविरल धारा को स्वच्छ व निर्मल बनाने का स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि नमामि गंगे के पूर्व संयोजक पछवादून गुलशन कुमार ने एन एस एस के स्वयंसेवकों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें पत्थर की तरह नहीं बल्कि गंगा के जल की तरह निर्मल व अविरल चलते हुए अपने रास्ते को स्वयं बनाना होगा तभी जाकर हम अपने उद्देश्य में सफल हो सकते हैं। एक अच्छे नागरिक बन सकते हैं। उन्होंने कई संस्मरण भी छात्र छात्राओं को प्रेरित करने के लिए सुनाए। इससे पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य मनमोहन सिंह चैहान ने शॉल उड़ाकर उनका स्वागत व सम्मान किया। कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र सिंह बुटोइया ने बताया कि स्पर्श गंगा अभियान से 40 हजार गढ़वाल के एन एस एस स्वयंसेवकों ने गंगा की स्वच्छता हेतु प्रयास किया है। 17 दिसंबर 2009 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने इस अभियान की शुरुआत की थी और इस अभियान की ब्रांड एंबेसडर हेमा मालिनी हैं। स्वयंसेवकों द्वारा मुख्य अतिथि के साथ ग्राम छरबा में जागरूकता रैली

शांति और आपसी सद्भाव ही देश के विकास का मूल मंत्रः सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शुक्रवार, 18 दिसम्बर को अपराह्न 03 बजे विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर डोईवाला स्थित गुरूद्वारा लंगर हॉल में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा है कि शांति और आपसी सद्भाव ही देश के विकास का मूल मंत्र है। अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ समाज पर भी है। अल्पसंख्यकों के हितो के लिए हमारे संविधान में पूरी व्यवस्था रखी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा हुनर को स्वरोजगार से जोडने के लिये युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मदरसों के आधुनिकीकरण की ओर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गुरूद्वारों और ईसाई संस्थानों को भी सरकार पूरा सहयोग दे रही है। अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना को पारदर्शी बनाया जा रहा है।