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कोरोना वैक्सीन लगायें और एक स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ेंः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

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ऋषिकेश। ‘विश्व टीकाकरण सप्ताह’ प्रतिवर्ष अप्रैल के अंतिम सप्ताह में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है कि सभी उम्र के लोगों को बीमारियों से सुरक्षा के लिए वैक्सीन के उपयोग को बढ़ावा देना है। खतरनाक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिये टीकाकरण कर लाखों लोगों की जान बचायी जा सकती है। ऐसी कई बीमारियां है, जिनके टीके बनाकर उस पर नियत्रंण किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हम सभी के जीवन में कोरोना महामारी के कारण जो भयाावह स्थितियों का निर्माण हुआ उससे वैक्सीन का महत्व और भी बढ़ गया है। वैक्सीन लगायेगें और कोरोना भगायेगें यह सूत्र विश्व टीकाकरण सप्ताह 2021 के माध्यम से हम सभी के लिये है। सभी के जीवन को सुरक्षित रखने के लिये तथा दुनिया भर में टीकाकरण के महत्व को बढ़ावा देने के लिये जरूरी है कि हम सभी वैक्सीन लगायें और दूसरों से भी इसके लिये आग्रह करें। स्वामी जी ने कहा कि भारत में बनी कोरोना की वैक्सीन पर विश्वास करेंय अफवाहों पर ध्यान न दें तथा वैक्सीन के प्रति अपनी स्वीकृति को बनाए रखें। आज समाज को विचारों के वैक्सीन की भी जरूरत है ताकि लोग नकारात्मक

कोरोना को देखते हुए कमलेश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद

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श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। हर दिन प्रदेश में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। श्रीनगर में पिछले तीन दिन में कोरोना संक्रमण के 84 मामले सामने आए हैं। इसको लेकर अब मंदिरों में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है। इसी कड़ी में श्रीनगर के प्रसिद्ध कमलेश्वर मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने यह कदम उठाया है। कमलेश्वर मंदिर में आम दिनों में भी श्रद्धालु मंदिर में आते हैं। मंदिर में होने वाली सुबह और शाम की आरती में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि मंदिर के कपाट को कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बंद किया गया है। अगर कोरोना के मामले प्रदेश में कम होते हैं तो फिर से श्रद्धालुओं के लिए कमलेश्वर मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।

आउटसोर्स कर्मियों की दुर्घटना में मौत के मामले में अनुग्रह राशि बढ़ाई जाएः मोर्चा

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विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यूपीसीएल में उपनल, पीआरडी एवं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कार्योजित कर्मचारियों की विद्युत दुर्घटना में मौत होने पर विभाग द्वारा मात्र चार लाख रुपए की राशि बतौर मुआवजा अनुमन्य की गई है, जोकि बहुत कम है। पूर्व में विभाग द्वारा मात्र दो लाख का प्रावधान था। नेगी ने कहा कि यूपीसीएल में आउट सोर्स के माध्यम से कार्योजित कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करते हैं तथा दुर्घटना में मौत हो जाने पर इनके परिवार को ताउम्र कष्टकारी जीवन व्यतीत करना पड़ता है। इन कर्मियों को मिलने वाले मुआवजा के अतिरिक्त जीवन सुरक्षा कवर की भी व्यवस्था करनी चाहिए। नेगी ने कहा कि इससे कष्टकारी और क्या हो सकता है कि विभाग समान कार्य समान वेतन देना तो दूर, ऐसे संवेदनशील मामलों में भी कर्मचारियों के शोषण से बाज नहीं आया। मोर्चा कर्मियों की दुर्घटना में मौत मामले में अनुग्रह राशि बढ़ाने एवं जीवन सुरक्षा कवर की व्यवस्था करने को लेकर शासन में दस्तक देगा।

कालाबाजारी की शिकायतों पर हो कङी कार्रवाईः सीएम तीरथ

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-बैठकों में लिये गये निर्णयों की तुरंत अनुपालना सुनिश्चित करें -मई से कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए कैम्प एप्रोच पर कोविड टीकाकरण बङे पैमाने पर हो देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में आयोजित बैठक में प्रदेश में कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि कालाबाजारी की शिकायतों पर दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसमें किसी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठकों में जो निर्णय एक बार ले लिया जाता है, उसकी अनुपालना सुनिश्चित की जानी चाहिए। मई से राज्यव्यापी टीकाकरण अभियान संचालित किया जाना है। इसकी पुख्ता तैयारियों कर ली जाएं। कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए कैम्प एप्रोच पर टीकाकरण की व्यवस्था की जाए। औद्योगिक संस्थानों, कालेजों, सहित ग्राम स्तर तक करना है। नगर निकायों की भांति ही पंचायतों में भी सेनेटाइजेशन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बोर्डर पर बाहर से आने वालों की सख्त चैकिंग हो। बिना आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के न आने दिया जाए। राज्य के प्रवासी लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी हो। उन्हें सीधे उनके घर भेजकर

पंचायत दिवस पर उत्तराखंड की 10 पंचायतों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

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-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से देहरादून, उत्तरकाशी की रुद्रप्रयाग, पौड़ी और पिथौरागढ़ की पंचायतों को दिया पुरस्कार देहरादून। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रदेश की 10 पंचायतों को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पूरे देश भर से कुल अलग-अलग श्रेणियों में 224 पंचायतों को “दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार” से पुरस्कृत किया गया. इसमें उत्तराखंड की देहरादून जिले की 4, उत्तरकाशी की 3 और रुद्रप्रयाग, पौड़ी और पिथोरागढ़ एक-एक पंचायत शामिल है. इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से प्रधानमंत्री द्वारा इन पुरस्कारों को वर्चुअल तरीके से वितरित किए गए. इतना ही नहीं पुरस्कार पाने वाले इन पंचायतों को 5 लाख से 50 लाख तक की पुरस्कार राशि भी हस्तांतरित की गई। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पुरस्कार पाने वाले सभी पंचायत प्रतिनिधियों को शुभकामना दी है, मुख्यमंत्री के कहा कि पंचायतों के विकास लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। सचिव पंचायती राज हरीश सेमवाल ने बताया कि “दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार” के तहत जिला प

सुमना हादसे में 391 लेबर सेना व आईटीबीपी कैंपो में सुरक्षित, सीएम ने किया प्रभावित इलाके का हवाई सर्वेक्षण

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-सेना, आईटीबीपी समेत एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व जिला प्रशासन राहत बचाव में जुटा देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण व सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा वहां पर बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हादसे में छह मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौके पर सेना, आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुट है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से करवाया जा रहा पालन

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खटीमा। राज्य सरकार की ओर से जारी नई कोरोना गाइडलाइन को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। खटीमा के नेपाल से लगी सीमा पर पुलिस टीम द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस द्वारा कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही उत्तराखंड प्रवासियों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही है। कोरोना को लेकर प्रशासन सख्त है। चंपावत जनपद के टनकपुर में प्रशासन लगातार कोरोना नियमों का पालन कराने और कोरोना रोकथाम के लिए अलर्ट मोड में है। प्रवासियों को देखने के अलावा सड़क पर चलने वाले लोगों और वाहनों पर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। टनकपुर एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि दूसरे राज्यों से उत्तराखंड और उनके जिले में जो लोग आ रहे हैं। उनके लिए शासन की गाइडलाइन के मुताबिक देहरादून स्मार्ट सिटी पर उपलब्ध फॉर्म को भरना होगा। साथ ही 72 घंटे पहले की कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। उनके द्वारा जगबूड़ा बॉर्डर और नेपाल बॉर्डर पर चेकिंग की जा रही है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों