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अमेरिका के बाद दाजी की नई पुस्तक ‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ का भारत में दुनिया के सबसे बड़े ध्यान कक्ष में विमोचन हुआ

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-‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ पुस्तक आध्यात्मिकता और जीवन के बारे में आधुनिक मनुष्य के दृष्टिकोण को ताजगी देती है देहरादून: हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक और श्री रामचन्द्र मिशन के अध्यक्ष श्रद्धेय दाजी की नवीनतम पुस्तक “स्पिरिचुअल एनाटॉमी’” का भारत में हार्टफुलनेस के मुख्यालय एवं विश्व के सबसे बड़े ध्यान केंद्र, कान्हा में विमोचन किया गया| पुस्तक का विमोचन हार्टफुलनेस द्वारा ‘देल्ही पब्लिक स्कूल’ के लिए आयोजित ‘Deep U’ कार्यशाला के अंतर्गत किया गया| यह विमोचन सुचित्रा एकेडमी के सह-संस्थापक श्री प्रवीण राजू, पल्लवी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के अध्यक्ष श्री एम. कोमारैया, श्री रामचंद्र मिशन के महासचिव श्री उमा शंकर बाजपाई और ‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ पुस्तक की संपादकीय टीम के सदस्य श्री उदय कुमार के द्वारा 10000 प्रतिभागियों की उपस्थिति में किया गया, जिनमें अभ्यासी और प्रिन्सिपल शामिल थे और इसका तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया| ‘स्पिरिचुअल एनाटॉमी’ को पहले से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में शीर्ष दस सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक के रूप में प्रसिद्धि मिल चुकी है। पुस्तक को विदेशों में प्रसिद्ध लेख

अब राजधानी देहरादून मां भी गुलदार की दहशत

देहरादून। उत्तराखंड का पर्वतीय इलाकों मा तो गुलदार का की दहशत बनी ही हुई है, लेकिन अब तो राजधानी देहरादून में भी गुलदार दिखने से लोग भयभीत हैं। कुछ ही दिन पहले देहरादून के राजपुर क्षेत्र में गुलदार ने एक 12 वर्षीय बालक पर हमला कर दिया था, जिससे बालक गंभीर रूप से घायल हो गया, उसका अस्पताल में उपचार चल रहा है। देहरादून के चिड़ोवाली, कंडोली, धोरणखास, कैनाल रोड व अन्य इलाकों में लगातार गुलदार की सक्रियता बढ़ने से स्थानीय लोग दहशत में हैं। वन विभाग भी हरकत में आ गया है। गुलदार की घेराबंदी के लिए वन विभाग ने अनले कर्मचारियों को गश्त में लगाया है। जीपीएस और ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों की मदद भी ली जा रही है। उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके में कई स्थानों पर गुलदार का आतंक बना हुआ है। गुलदार द्वारा लोगों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पर्वतीय इलाकों में गुलदार के भय के चलते लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने में भी कतरा रहे हैं। सायं होते ही गांवों में सन्नाटा पसर जाता है। लेकिन अब राजधानी देहरादून में भी गुलदार आ धमका है। दून के शहरी क्षेत्रों में भी गुलदार की दहशत बनी हुई है। सुबह सवेरे लोगों की

ठंड कू बढ़दू प्रकोप, इनू करा बचाव

देहरादून। ठंड लगातार बढ़णी छ। ठंड सी बचाव की खातिर शरीर तैं पूरी तरह सी गर्म कपड़ों से ढकिक रखा। खासकर कान, गला, नाक अर हाथ व पैरों तैं कवर कर ल्यावा। घर सी भैर मास्क पहनी तैं निकला। सर्दी मां प्यास कम लगदी, ये वास्ता लोग कम पाणी पेंदन, लेकिन यू गलत छ, सर्दियों मां खूब पाणी पिनू चैंद, गर्म पाणी प्यावा। शरीर तैं गर्म रखण तैं सिर्फ चाय ही नी, बल्कि लैमन टी, ग्रीन टी, ब्लैक टी या सूप कू सेवन करा। ये सी गला कू इंफेक्शन दूर होंद अर जुकाम-खांसी मां आराम मिलदू। .ठंड सी बचण तैं विटामिन सी कू खूब सेवन करा। ये सी इम्यूनिटी मजबूत होंद अर ठंड कू असर भी कम होंदू। डाइट मां संतरा, नींबू, मौसमी अर आंवला तैं शामिल करा। ठंड सी त्वचा अर बाल भी प्रभावित होंदन, ठंड मां त्वचा रूखी अर बेजान ह्वै जांद, इना मां त्वचा पर मॉइश्चर कू इस्तेमाल करा, बालों तैं भी हल्कू तेल लगैक रखा। अगर सर्द हवा सी हाथ-पैर ज्यादा ठंडा ह्वैगीन त रगड़ना का बजाय पैरों तैं थोड़ी देर गर्म पाणी मा रखा। अगर हाथ-पैरों कू रंग कालू ह्वैगी त तुरंत डॉक्टर सी सलाह लिनी चैंद। सर्दियों मा हल्दी वालू गर्म दूध पिन्यू चैंद अर रात मा च्वनप्राश खांयू चैं

सगंध पौधों की खेती

परंपरागत खेती का बजाए सगंध पौधों की खेती करी तैं किसान अधिक लाभ अर्जित करी सकदन। सगंध पौधों की खेती मा लेमनग्रास, जपानी मिंट, रोज, कैमोमाइल, तेजपात, गेंदू, गुलाब, पामारोज, खस, डेमस्क, जिरेनियम, काला जीरा, तेजपत्ता, तिमूर, चंदन, कोमोमाइल, सिट्रोनेला, पामारोजा, तुलसी, गेंदा, जेरेनियम, स्याहजीरा, आर्टीमीशिया की खेती शामिल छ। सगंध पौधों की खेती तैं ज्यादा पाणी की जरूरत नी होंदी अर न ही यीं फसल तैं जंगली जानवर नुकसान पहुंचैंदन। हमारा पर्वतीय क्षेत्र मा सबसे बड़ी समस्या यही छ कि फसल तैं जंगली भारी नुकसान पहुंचैंदन, जै वजह सी कि लोगों तैं आर्थिक नुकसान उठौण पड़दू। जंगली जानवरों द्वारा खेती तैं नुकसान पहुंचाए जाणा का भय सी कई लोगून खेती कनू ही बंद करियाली। इना मा सगंध पौधों की खेती एक बेहतर विकल्प ह्वै सकदू। देहरादून जिला मा सहसपुर, विकासनगर क्षेत्र का किसान सगंध फसलों की खेती तैं सफलतापूर्वक कना छन। ऐ का अलावा राज्य का कुछ अन्य इलाकों मा भी सगंध फसलों की खेती होणी छ। य खेती लाभकारी साबित होणी छ, जै वजह सी कि किसान यीं ओर आकर्षित होणा छन। सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र न वर्ष 2004 मा 15 किसान

पार्षद और निगमकर्मी खा गये 9 करोड़, नगर निगम दून की जांच में 100 कर्मचारी नदारद मिले

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देहरादून: नगर निगम की जांच में वार्डों में गठित स्वच्छता समिति के 100 कर्मचारी नदारद मिले हैं। हालांकि यह पूरी तरह से जांच के मामले में लीपा-पोती है। इसके बावजूद चलो, इस जांच को ही सही मान लें तो 100 कर्मचारियों को पिछले पांच साल से हर महीने 15 हजार रुपये के हिसाब से दिया जा रहा था तो एक साल का एक करोड़ 80 लाख और पाच साल का 9 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। डीएम सोनिका ने भी इसे स्वीकार किया है। क्या घोटाला करने वाले पार्षदों के खिलाफ एफआईआर होगी और रिकवरी की जाएगी? देहरादून नगर निगम के घोटालों की उच्चस्तरीय जांच किये जाने की जरूरत है।

सहकारी बैंक भर्ती घोटाले पर राजभवन की खामोशी चिंताजनकः मोर्चा

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विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट को लगभग डेढ़ साल से सार्वजनिक न किए जाने का मामले बहुत ही चिंता जनक है। उक्त घोटाले की गूंज पूरे प्रदेश को सुनाई दे रही है, लेकिन राजभवन को सुनाई नहीं दे रही, जोकि जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग ने दिनांक 23.12.2022 को चयन समिति का पक्ष रखने हेतु पत्र प्रेषित किया गया तथा दिनांक 13.2.2023 को रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई गई। दशासन द्वारा जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर कार्मिक विभाग से परामर्श प्राप्त कर किया गया तथा दिनांक 10/5/ 2023 को आरक्षण संबंधी बिंदुओं का परीक्षण कराए जाने हेतु जांच अधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया तत्पश्चात जांच अधिकारी द्वारा 9/6/ 2030 को जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई गई द्य उक्त के उपरांत पत्रावली दिनांक 9/6/23 को सचिव, सहकारिता को प्रस्तुत की गई तथा दिनांक 3/ 9/2023 को पत्रावली उच्च स्तर पर निर्णार्थ प्रस्तुत की गई द्ययानी घोटाले की जांच से जनता का ध्यान हटाने के लिए जांच पर जांच की जा रही है।

सीएम ने 713 करोड़ की 66 योजनाओं का लोकार्पण और 193 योजनाओं का शिलान्यास किया

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-मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकासः सीएम धामी -स्थानीय उत्पादों व हस्तकला को बड़ा बाजार उपलब्ध करने के लिए जल्द उठाएंगे जरूरी कदम हल्द्वानी/देहरादून। हल्द्वानी स्थित एमबी इंटर कालेज में गुरुवार को ईजा- बैंणी महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें नैनीताल समेत अन्य जिलों से करीब 40 स्वयं सहायता समूहों ने पहाड़ी उत्पादों के स्टाल लगाए। महोत्सव में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिले के लिए 713 करोड़ की 66 योजनाओं का लोकार्पण और 193 योजनाओं का शिलान्यास किया। ईजा बैंणी महोत्सव को लेकर आर्मी गेट से लेकर एमबी इंटर कॉलेज चौराहे तक पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र छोलिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। बता दें कि कुछ समय पूर्व ही उत्तराखंड का छोलिया गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। राज्य की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत को देखकर आगंतुक भी झूम उठे। सुबह 09 बजे से कार्यक्रम की समाप्ति तक अपने प्रदर्शन से दर्शकों को बांधे रखने के साथ ही उत्तराखंड की विरासत को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया। तिकोनिया चौराहे से दुर्ग सिटी सेंटर चौराहे तक दोनों तरफ