दो सितंबर को गाजे-बाजे के साथ होगा गणपति बप्पा का स्वागत

देहरादून। दो सितंबर को गाजे-बाजे के साथ गणपति बप्पा का स्वागत होगा। इसके लिए तैयारियां शुरू भी हो चुकी हैं। अधिकतर जगहों पर गणेशजी की प्रतिमा स्थापित कर 10 दिन तक धूमधाम से उत्सव मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन गजानंद की स्थापना  करने से विघ्नों से मुक्ति मिल जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमृत चैघड़िया में सुबह 6.10 से 7.44 तक और अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12ः01 से 12ः55 तक मूर्ति स्थापना करना शुभ होगा। गणेश चतुर्थी के लिए लोगों ने खरीदारी करना शुरू कर दिया है। लेकिन, बप्पा की सूंड किस तरफ होना चाहिए, प्रतिमा खड़ी हुई होना चाहिए या बैठी हुई आदि बातों को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है। वहीं ज्योतिषाचार्यों की मानें तो दोनों ही तरफ की सूंड वाले गणेशजी की स्थापना शुभ होती है। बाईं तरफ की सूंड की प्रतिमा लेना ही शास्त्र सम्मत माना गया है। दाईं तरफ की सूंड की प्रतिमा में नियम-कायदों का पालन करना होता है। प्रतिमा हमेशी बैठी हुई मुद्रा में ही लेनी चाहिए। क्योंकि खड़े हुए गणेश को चलायमान माना जाता है। यदि सूंड प्रतिमा के बाएं हाथ की ओर घूमी हुई हो तो उन्हें वक्रतुंड कहा जाता है। इनकी पूजा-आराधना में बहुत ज्यादा नियम नहीं रहते हैं। सामान्य तरीके से हार-फूल, आरती, प्रसाद चढ़ाकर भगवान की आराधना की जा सकती है। पंडित या पुरोहित का मार्गदर्शन न भी हो तो कोई अड़चन नहीं रहती।

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