मायाकुण्ड में चिकित्सा शिविर एवं स्वच्छता जागरूकता अभियान का आयोजन

-मायाकुण्ड एवं कई अन्य आगंनवाड़ी के बच्चों को पिलायी विटामिन ए एवं अल्बेनडाजोल

 

ऋषिकेश। मायाकुण्ड, ऋषिकेश में निःशुल्क चिकित्सा शिविर एवं स्वच्छता जागरूकता अभियान का आयोजन सेवा चाइल्ड, परमार्थ निकेतन, डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस (जीवा), ग्रामीण विकास संस्थान (आर डी आई) एवं हिमज्योति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। हिमालयन हाॅस्पिटल एवं परमार्थ निकेतन के चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परिक्षण किया तथा पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक एवं कृमिनाशक औषधि अल्बेनडाजोल पिलायी गयी। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।

   स्वामी चिदानन्द सरस्वती की प्रेरणा से चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। मायाकुण्ड क्षेत्र के बच्चों के अलावा कई अन्य आंगनवाड़ियों के बच्चों को भी दवाई पिलायी गयी एवं उनका स्वास्थ्य परिक्षण किया गया। इस अवसर पर ऋषिकेश मेयर श्रीमती अनिता ममगई उपस्थित थी उन्होने बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलायी तथा भण्डारे में भोजन परोस कर सभी के भोजन कराया। विटामिन 'ए' शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। यह अच्छी सेहत के लिये जरूरी है। विटामिन ए आंखों की रोशनी को तेज करता है। इसके द्वारा बच्चों का विकास सुचारू रूप से होता है एवं हडिडयों, दांतांे एवं उत्तकों के रख-रखाव मंेे सहायक है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दिशानिर्देशों के अनुसार 6-11 महीने के प्रत्येक बच्चों को प्रतिवर्ष 100,000 आईयू विटामिन ए की दो खुराक की आवश्यकता होती है तथा अल्बेनडाजोल कृमिनाशक दवाई की भी 12 से 59 महीने की आयु के प्रत्येक बच्चों को सालाना दो खुराक की जरूरत होती है। विटामिन 'ए' की कमी के कारण शरीर पर अनेक विपरीत प्रभाव पड़ते हंै यथा अन्धेरे में कम दिखाई देेेना, आंखोेे में आंसू की कमी से आंखांे पर सूजन आना। इसकी कमी से बच्चों का विकास असामान्य गति से होता है तथा कद भी छोटा रह जाता है। इस कार्यक्रम में जीवा संगठन के स्वच्छता विशेषज्ञों ने बच्चों एवं माताओं को स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण विषयों की जानकारी दी। स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिये चित्रकला एवं प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमंे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चों एवं माताओं को पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही स्वच्छता किट वितरित किये गये। जीवा के विशेषज्ञों ने स्वस्थ रहने, सुरक्षित जल, स्वच्छता और स्वच्छता का महत्व विषय पर लघु फिल्म (शार्ट फिल्म) एवं पपेट शो के माध्यम से जानकारी प्रदान की।

 स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने संदेश के माध्यम से कहा कि आज के बच्चे भारत का भविष्य है। वे स्वस्थ रहेंगे तो निश्चित रूप से सुखद भविष्य का निर्माण कर पायंेगेे। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में भारत के कुछ राज्यों में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बीच कुपोषण की समस्या ह,ै यह समस्या भविष्य के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगी अतः बच्चों स्वच्छ, स्वस्थ और पोषक युक्त आहार से युक्त रखना सभी की जिम्मेदारी है। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि ''स्वच्छता, स्वच्छ जल एवं बेहतर चिकित्सा पद्धति पर प्रत्येक बच्चे का अधिकार है जो उसे प्राप्त होना चाहिये। साध्वी जी ने माताओं से बच्चों की शिक्षा और संस्कारों पर विशेष ध्यान दे बात कही साथ ही स्वच्छ परिवेश और स्वच्छता की आदतों के साथ बच्चों को पोषित और संस्कारित करने पर जोर दिया।''

जीवा के स्वच्छता विशेषज्ञों ने वहां उपस्थित सभी लोगों को एकल उपयोग प्लास्टिक का प्रयोग न करने, कूडे को निश्चित स्थान में डालने, शौचालय का प्रयोग करने, पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छ भारत के निर्माण में सहयोग करने का संकल्प कराया। साथ ही सभी को स्वच्छता किट वितरित किये गये। तत्पश्चात सैकड़ों की संख्या मंे उपस्थित लोगों को प्रेमपूर्वक भण्डारा खिलाया गया। इस अवसर पर सतीश गोयल, अनुराधा गोयल, सैमुअल, राकेश, उदय, मुकेश, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार एवं अन्य विशिष्टगण उपस्थित रहे।

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