दो से अधिक बच्चों वाले जिपं और बीडीसी पद के प्रत्याशियों को झटका


नैनीताल। हाईकोर्ट ने दो से अधिक संतान वाले जिला व क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रत्याशियों को चुनाव लडने से अयोग्य करार देने के प्रावधान पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है। मामले में कोर्ट ने सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के नामांकन खारिज होना करीब-करीब तय हो चुका है जबकि इससे सरकार को बड़ी राहत मिली है। 


बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अल्मोड़ा के मोहन सिंह मेहरा व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशियों को अयोग्य करार देने का नोटिफिकेशन जारी किया है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार इसे बैक डेट से लागू कर रही है। उन्हें ग्रेस पीरियड भी नहीं दिया गया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के दो बच्चों से अधिक वाले ग्राम प्रधान के प्रत्याशियों को चुनाव लडने की अनुमति देने व इसके लिए कटऑफ डेट 25 जुलाई 2019 निर्धारित करने को आधार बनाकर उन्हें योग्य करार देने की गुजारिश की। सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। मामले को सुनने के बाद अदालत ने सरकार व निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।


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