दीपावली स्नेह मिलन सत्संग समारोह आयोजित


देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाष नगर देहरादून के सभागार में दीपावली स्नेह मिलन सत्संग में राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मन्जू बहन ने उपस्थित जनसमूह को त्यौहार की शुभकामनायें देते हुये दीपावली को व्यवहारिक जीवन में सार्थक बनाने का सुंदर तरीका बताया।

उन्होंने कहा कि दीपमाला तब बनती है जब माचिस की एक तीली जलती है जो अपनी ज्योति एक दिये को देती है और वह दिया अपनी ज्योति दूसरे दिये को देता है। यदि वह अपनी ज्योति अपने पास ही रख ले तो दीपमाला बन ही नहीं सकती। स्थूल धन, साधन, सामान, आदि देने से घटता है। सूक्ष्म धन-ज्ञान, गुण, शक्ति, आदि देने से बढ़ता है। इस पर्व का आधार है-दिया । क्या हमने दिया ? हमने क्या दिया ? आइये इस बार नव वर्ष में कुछ नया करें-दिया करें-प्यार, खुशी, सम्मान। एक नये गुण की ज्योति मन में जगायें । अपने कर्मों से उस गुण का प्रकाश फैलायें । एक नये दीपक को उस गुण की ज्योति दें। उस गुण की दीपमाला बनायें। सच्ची दीपावली मनायें! यकीन कीजिये, राजयोग यानि परमात्मा शिव की याद व साथ से ऐसी दीपमाला बनाना कठिन नहीं है। कार्यक्रम में, पदमा, प्रियंका, पुष्पा, विनय, राकेश, ममता, सुरेन्द्र, उषा, रेणू, विजयलक्ष्मी आदि उपस्थित रहे।

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