बिना भुगतान किए संगीत बजाना मनाः बाम्बे हाईकोर्ट

देहरादून। बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 27 नवंबर को दिए गए खबरदार करने वाले आदेश ने देश भर के रेस्तरां, पब व होटल, कैफे, बार व रिसॉर्ट के लिए (फोनोग्राफिक परफॉर्मेंस लिमिटेड) को भुगतान किए बिना अपने परिसर में कॉपीराइट वाले लोकप्रिय गाने बजाने तथा गाने बजाने की कॉपीराइट अनुमतियां देने वाला लाइसेंस लेने से वंचित कर दिया है। उनके लिए यह आदेश क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या समेत संगीत के हर प्रकार के उपयोग पर लागू होता है।


यह आदेश संगीत लाइसेंस देने वाली संस्था फोनोग्राफिक परफॉरमेंस लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में पारित किया गया था, जिसके तहत संगीत बजाने वाले उक्त स्थलों को एक लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। पीपीएल इंडिया के पास 3 मिलियन से अधिक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू साउंड रिकॉर्डिंग के साथ 340 से ज्यादा म्यूजिक लेबलों के सार्वजनिक प्रदर्शन अधिकारों का मालिकाना हक है और ध्या ये उसके नियंत्रण में हैं। इंडिया सारेगामा, सुपर कैसेट्स (टी सीरीज), सोनी म्यूजिक, यूनिवर्सल म्यूजिक समेत और कई अन्य विशालतम रिकॉर्ड लेबलों का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्होंने असाइनमेंट और ध् या एक्सक्लूसिव लाइसेंस अग्रीमेंट के आधार पर पीपीएल को अधिकार दिए हैं कि वह कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की प्रासंगिक धाराओं के तहत सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए लाइसेंस शुल्क एकत्रित कर सकती है। इस आदेश का कोई भी उल्लंघन ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को आमंत्रित करेगा। हाईकोर्ट का यह अखिल भारतीय आदेश और अन्य कॉपीराइट स्वामियों के लिए राहत की सांस भरा है और यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक उपयोगकर्ता नियमों का पालन करते हुए संगीत बजाएगा।


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