प्रदेश की राजधानी देहरादून नशा तस्करों की गिरफ्त में

देहरादून। उत्तराखण्ड की अस्थायी राजधानी दून अब नशे का गढ़ बन चुकी है। पुलिस ने अब तक करोड़ों के नशा सामग्री सहित कई तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है लेकिन फिर भी दून में नशा तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। आये दिन पकड़े जाने वाले नशा तस्कर इसकी बानगी भर है।

राजधानी दून की मलिन बस्तियां और स्कूल कालेज नशा तस्करों के निशाने पर है। अवैध शराब से लेकर चरस, गांजा व स्मैक का कारोबार यहंा बडे़ पैमाने पर किया जा रहा है। नशे का सामान आसानी से उपलब्ध हो जाने के कारण नौजवान इस दलदल में धस चुके है। हालांकि पुलिस का दावा है कि पिछले चार माह के दौरान उन्होने 4 करोड़ 10 लाख 88 हजार रूपये के नशीले पदार्थ बरामद कर 458 तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है। इसके बावजूद पुलिस विभाग इस धंधे पर रोक लगाने में नाकाम ही साबित हुआ है। राजधानी दून में बढ़ती नशा तस्करी के चलते अन्य अपराधों में भी भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। पिछले दिनों चोरिया, झपटमारी व अन्य अपराधों में ऐसे युवा पकड़े गये है जो खुद नशे की गिरफ्त में है। कालेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं भी इन नशा तस्करों के निशाने पर है। मलिन बस्तियों से संचालित होने वाले इस कारोबार पर पुलिस मिलीभगत के आरोप भी लगते रहे है। पिछले दिनों जब रिस्पना मलिन बस्ती में पुलिस द्वारा छापेमारी की गयी तो वहंा कई बच्चे भी नशा बेचते हुए पाये गये। देखना होगा कि पुलिस इस कारोबार में पूरी तरह लगाम लगा पाती है या फिर यह कारोबार बदस्तूर जारी रहेगा।

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