आंगनबाड़ी कार्यकत्री आंदोलन पर शासन सख्त, 20 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सेवाएं हो चुकी समाप्त
देहरादून। मानदेय में बढ़ोतरी समेत विभिन्न मांगों को लेकर पिछले करीब डेढ़ माह से आंदोलित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के आंदोलन पर शासन ने सख्त रुख अपनाया है। शासन के निर्देश पर राज्यभर में अब तक 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं समाप्त की गई हैं। इसके साथ ही काफी संख्या में आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को नोटिस दिए गए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के आंदोलन के कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं। इसके चलते महिला एवं बाल विकास के मद्देनजर संचालित विभिन्न कार्यक्रम ठप हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में न तो नौनिहालों व धात्री महिलाओं को पुष्टाहार मिल पा रहा और न अन्य योजनाएं आगे बढ़ पा रहीं। इस पर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए तीन दिन पहले सभी जिलों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के आंदोलन के मद्देनजर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब जिलों में कारवाई शुरू हो गई है। अपर सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास झरना कमठान के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के नियुक्ति प्राधिकारी जिलों में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) होते हैं। जिलों में डीएम के अनुमोदन के बाद डीपीओ ही कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पौड़ी समेत अन्य जिलों में करीब 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं समाप्त किए जाने की सूचना है। इसके अलावा काफी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नोटिस भी जिलों में दिए गए हैं।