हिमाचल की तर्ज पर निर्धारित हो मोटरयान टैक्सरू मोर्चा


 

विकासनगर, आजखबर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार वर्तमान में वाहन पंजीकरण पर वाहन की कीमत के हिसाब से टैक्स वसूलती है तथा इसी कड़ी में 5 लाख तक के वाहन की कीमत पर 8 फीसदी, 5 लाख से 10 लाख तक के वाहन पर 9 फीसदी  तथा 10 लाख से ऊपर  के वाहनों पर 10 फीसदी टैक्स निर्धारित किया हुआ है, जबकि हिमाचल प्रदेश में वाहन की कीमत पर  1000 सीसी  से कम  वाले वाहनों पर 2.5 फीसदी तथा 1000 सीसी से अधिक वाले वाहनों पर  3 फीसदी टैक्स निर्धारण किया हुआ है।

मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि  हैरानी की बात यह है कि  उत्तराखंड सरकार द्वारा वाहन स्वामियों से  जो टैक्स वसूला जाता है, वो एक्स शोरूम प्राइस के हिसाब से वसूला जाता है, यानी वाहन की कीमत पर जी.एस.टी. सहित सभी कर वसूलने के बाद (एक्स शोरूम प्राइस होता है) वसूला जाता है।पूर्वर्ती  सरकार के समय वर्ष 2015 में  10 लाख तक की कीमत वाले वाहनों पर 6 फीसदी तथा 10 लाख से ऊपर  वाले वाहनों पर 8 फीसदी टैक्स निर्धारित था,  लेकिन वर्तमान सरकार ने और ज्यादा टैक्स बढ़ाने का काम किया है, जो कि एक तरह से सरकारी लूट है। नेगी ने कहा कि  उत्तराखंड जैसे प्रदेश में  जहां प्रतिवर्ष हजारों वाहन विक्रय होते हैं  तथा वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में जहां बहुत कम वाहनों की बिक्री होती है  लेकिन फिर भी  हिमाचल में जायज शुल्क लिया जाता है, बावजूद इसके उत्तराखंड  सरकार  लूट से  बाज नहीं आ रही है। मोर्चा शीघ्र ही इस लूट को बंद कराने के लिए शासन में दस्तक देगा द्य  पत्रकार वार्ता में विजय रामशर्मा, दिलबाग सिंह, मोहम्मद असद, प्रवीण शर्मा पिन्नी आदि उपस्थित रहे। 

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