राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मंजू बहन ने ‘समय व्यर्थ जाने से कैसे बचायें’ के बारे में बताया 


 

देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाषनगर के सभागार में सत्संग में उपस्थित सभाजनों को राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मंजू बहन ने सम्बोधित करते हुए ”समय व्यर्थ जाने से कैसे बचायें?” इस विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज डिप्रेशन एक विश्व व्यापी बीमारी के रूप में फैल रही है। बहुत लोग ऐसे हैं जो दिन में कई बार डिप्रेस्ड होते हैं, इसका कारण है कि जब व्यक्ति सोच लेता है कि मैं किसी काम का नहीं हूँ, बिल्कुल बेकार हूँ, जबकि दूसरा व्यक्ति आगे बढ़ रहा है। ऐसी निकृष्ट भावनाओं में चले जाते हैं। 

आत्म विश्वास कम हो जाता है। ऐसे समय पर स्वयं भगवान आकर हमें भूत व भविष्य का सब राज़ समझाकर कहते हंै ”मीठे बच्चे -तुम पहले क्या थे ! आप ही सृष्टि के आधारमूर्त, उद्धारमूर्त हो। परमात्मा इस समय हमारे में आत्मविश्वास जागृत कर रहे हैं। लेकिन कोई परिस्थिति आने पर हम अपना विश्वास खो बैठते हैं इस तरह हमारा समय न सिर्फ व्यर्थ होता किंतु और ही दुख का गहरा दाग लगा कर उसे भोगते रहते हैं। यही डिप्रेशन को जन्म देता है। रिप्रेशन अर्थात दमन। जो अपने साथ काम करते हैं उन को दबा कर रखना या रोब डालना, धमकाना। लेकिन रहमदिल परमात्मा आकर हमंे कितनी गुलामियों से छुड़ाते हैं। रिग्रेशन अर्थात अतीत की बातों को याद करके के खुद को दुखी करना, यह समझदार का काम तो नहीं है। सुबह होते ही परमात्मा हमारी जीवन यात्रा में 86400 सेकण्ड जमा कराता है। पर रात्रि होने तक हम कितना समय व्यर्थ गँवा बैठते हैं। जीवन को अमूल्य बनाने के लिए हमें समय के महत्व को समझना चाहिए और व्यर्थ बातों में समय नही गँवाना चाहिए। जिसने समय को समझा उसका जीवन सुलझा। राजयोगी का जीवन सुलझा जीवन है। 

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