एनएच-44 पर कर की नयी राशि 1 अप्रैल से लागू करने के केंद्र के फैसले का विरोध किया 

देहरादून। वैश्विक महामारी कोविड-19 से जहाँ एक ओर समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका है, लोगों का व्यापार ठप है, उन्हें नौकरियों से निकाला जा रहा है, वही दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों पर जुल्म का एक नया पैंतरा अपनाया है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने एनएच-44 पर कर की नयी राशि को 1 अप्रैल से लागू करने का फैसला लिया है।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा कि एक तो 5 अगस्त के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के लोगों की आर्थिक परिस्थितियाँ इतनी विषमपूर्ण है। ऊपर से नयी संशोधित राशि को 1 अप्रैल से ही लागू किया जाना उन्हें और गर्त में धकेल देगा, यह विद्वेषपूर्ण फैसला है। यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य है कि साम्भा जिले में विजयपुर के टोल प्लाॅजा को बंद करने का वायदा करने वाली केन्द्र सरकार ने उसे बंद करने के बजाय इस नये फैसले से जम्मूकश्मीर की आबादी की कमर तोड़ दी है। गौरतलब है कि नयी संशोधित राशि के मुताबिक बसध्ट्रक का मासिक पास 9650 रूपये एवं छोटी बस का 4605 रूपये कर दिया गया है। एक ओर जहाँ करोनावायरस की वजह से देशभर में बंदी है, आने वाले दौर में जब जम्मू-कश्मीर के व्यापारी अपना धंधा पटरी पर लाने की जुगत में होगें तो उन्हें इस आर्थिक अत्याचार का सामना करना होगा जिससे समाज का हर वर्ग परेशान होगा, जिसका एनएसयूआई पूर्णतः विरोध करती है।

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