कोरोना वायरस के खिलाफ कोड-19 ऑनलाइन हैकथॉन के विजेताओं की घोषणा

देहरादून। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ हाल में सम्पन्न कोड 19 ऑनलाइन हैकथॉन में केरल के कन्नूर में गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के दो छात्रों अभिनंद सी और शिल्पा राजीव ने प्रथम पुरस्कार जीता। आईक्लारूम नामक उनके खास समाधान के लिए उन्हें प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया जो मिलेनियल पीढ़ी के लिए एक आधुनिक वर्चुअल क्लासरूम है। यह महामारी के समय में निर्बाध रूप से सीखने के लिए सोशल मीडिया-टाइप इंटरफेस के माध्यम से छात्रों को शिक्षकों से जोड़ता है। 72 घंटे के इस आयोजन की मेजबानी सिलिकॉन वैली स्थित मोटवानी जडेजा फैमिली फाउंडेशन ने की। इस प्रतियोगिता के दौरान अपने घरों में सुरक्षित रहते हुए हजारों नवोन्मेषकों और डेवलपर्स ने देश को कोरोना वायरस संकट से निबटने में मदद के लिए ओपन स्रोत समाधान तैयार करने के लिए प्रतिस्पर्धा की।

मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छह छात्रों को कोविड के मरीजों की दूर से जांच करने वाला समाधान प्रस्तुत करने के लिए 5,000 डाॅलर का दूसरा पुरस्कार दिया गया। इन छात्रों का दावा है कि इस समाधान की मदद से स्वास्थ्य कर्मियों के लिए संक्रमण का जोखिम कम होगा। उन्होंने टेलीवाइटल नामक समाधान विकसित किया जो एक वेबकैम एवं ब्राउजर के माध्यम से दूर से ही मरीजों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेगा। तीसरे स्थान के पुरस्कार को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया था, जिनमें से तीन विजेता टीमों में से प्रत्येक को पुरस्कार राशि के रूप में 3,000 डाॅलर दिया गया। विजेता समाधानों में एक समाधान ‘‘सोलो क्वाइन्स’’ है जिसके तहत लोग अपने घर में रहते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ‘‘सोलो क्वाइन्स’’ हासिल कर सकते हैं और विभिन्न मर्चेन्ट्स के पास इन सोलो क्वाइन्स को भुना सकते हैं। एक अन्य समाधान है कोविड-19 फैक्ट चेकर जिसकी मदद से फर्जी समाचारों की जांच की जा सकती है और इस तरह से कोविड-19 महामारी के बारे में किए जा रहे दुश्प्रचारों का पर्दाफाश करके प्रमाणिक एवं आधिकारिक वैज्ञानिक तथा जन स्वास्थ्य सूचना को फैलाने में मदद मिल सकती है। तीसरा समाधान है ग्रेप कम्युनिटी जो आसपास के दुकानदारों एवं आपूर्तिकर्ताओं के साथ लोगों को जोड़ने वाला सार्वजनिक प्लेटफार्म है। इसके अलावा, हैकथॉन में 10 सर्वश्रेष्ठ नवीन समाधानों में से प्रत्येक को 1,000 डाॅलर से सम्मानित किया गया। जानी-मानीे उद्यमी, निवेशक, परोपकारी और परिवर्तन की दूत तथा मोटवानी जडेजा फैमिली फाउंडेशन की संस्थापक जडेजा मोटवानी ने कहा, ’’“हम कोड 19 ऑनलाइन हैकथॉन के दौरान प्राप्त प्रविष्टियों की गुणवत्ता और सभी प्रतिभागियों के जबर्दस्त उत्साह को देखकर अभिभूत हो गए हैं। दुनिया भर से तथा भारत के विभिन्न हिस्सों के हैकरों तथा मेंटरों के समुदाय खास तौर पर युवा छात्र भारत को कोरोनावायरस से लड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक साथ आए। मेरा मानना है कि इस हैकथॉन के दौरान विकसित गुणात्मक, ओपन-सोर्स परियोजनाएं भारत के समक्ष उत्पन्न कोरोना संकट की चुनौतियों को कम करने में मदद करेंगी। मुझे यह भी उम्मीद है कि विजेता टीमों को प्रदान की गई 34,000 डाॅलर की कुल पुरस्कार राशि उन्हें इन समाधानों को साकार करने तथा उन्हें बाजार में लाने के लिए मददगार साबित होगी।’’प्रथम पुरस्कार आईक्लासरूम को केरल के कन्नूर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र 19 वर्षीय अभिनव सी और 20 वर्षीय शिल्पा राजीव ने बनाया है। दूसरा पुरस्कार मरीज की संपर्करहित जांच के समाधान के तौर पर पेष टेलीवाइटल को मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छह छात्रों की एक टीम ने बनाया है। इन छात्रों में जितिन सनी, जोएल जोगी जॉर्ज, रोहन राउत, रक्षित नायडू, मेघा बैद और शिवांगी शुक्ला शामिल हैं।

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