बढ़ती मांग को देखते हुए पीपीई किट्स का उत्पादन शुरू किया 

देहरादून। वैश्विक स्तर पर जारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच, फ्रंटलाइन वर्कर्स (अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता) पूरी ईमानदारी से समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। अपनी शुरुआत के बाद से प्रॉडक्ट इनोवेशन के पर्याय रहे और समाज में योगदान देने के विजन के साथ डोनियर ग्रुप-डोनियर, ग्रेडो बाय जीबीटीएल (जीबीटीएलको पहले ग्रेसिमके रूप में जाना जाता था) और ओसीएम- नियो-टेक®टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए फैब्रिक्स, गारमेंट्स और प्रोटेक्टिव गियर के निर्माण के क्षेत्र में उतरे हैं। ग्रुप अपनी रेंज कार्टेक्स, प्रोटेक्स और शील्डटेक्स के तहत क्रमशः पीपीई किट्स, मास्क और हेल्थकेयर एपैरलकी पेशकश कर रहे हैं। 

हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स की बढ़ती जरूरतों को जल्द पूरा करने के लिए, ग्रुप ने ‘हीट सीम सीलिंग’टेपिंग मशीनों में निवेश किया है और पीपीई किट्स का उत्पादन शुरू कर दिया है। ये किट्स एसआईटीआरए और डीआरडीओ सहित जानी-मानी लेबोरेटोरीज और एजेंसियों द्वारा सर्टिफाइड हैं। हेल्थकेयर सेगमेंट की अहम जरूरतों को समझते हुए, ग्रुप ने एंटी-माइक्रोबियल और ब्लड रीपीलेंट फिनिश के साथ स्पेशलाइज्ड फैब्रिक्स भी विकसित किए हैं। ये फैब्रिक्स विशेष रूप से पीपीई कवरऑल्स के लिएनियो-टेक®टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किए गए हैं। इन कवरऑल्स की एक यूएसपी यह है कि उनका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही ये पहनने में बेहदआरामदायक है, क्योंकि इन्हें ब्रेथेबल वाटर-प्रूफ केमिकल से तैयार से तैयार किया गया है। हेल्थकेयर, एविएशन, डिफेंस, बैंकिंग, पुलिस, एनजीओ, म्युनिसिपल वर्कर, सिक्योरिटी एजेंसीज, सरकारी निकायों इत्यादि जैसे उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाले, उपयोगी, रेडी-टू-वियर प्रॉडक्ट्समुहैया कराने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ इनको तैयार किया गया है। स्वास्थ्य, स्वच्छता और आराम के मानकों को बरकरार रखते हुए ये प्रॉडक्ट्स फ्रंटलाइन वारियर्स को वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले ये कवरऑल्सअपशिष्ट प्रबंधन की चुनौतियों को काफी हद तक कम करने में मददगार साबित होंगे। 

इन एंटी-बैक्टीरियल फैब्रिक्स (कपड़ों) को कई इंडस्ट्रीज से काफी सराहना मिली है, जिनमें कई प्रमुख राज्य के पुलिस विभागों और दूसरे सरकारी विभाग शामिल हैं। 

इन फैब्रिक्स को उन लोगों द्वारा भी सराहा जा रहा है जो रोजाना सैलूनध्क्लीनिक में एप्रन के रूप (कम्यूटर सूट्स) में इनका इस्तेमाल करते हैं दृया किसी भी काम में जहां मानव स्पर्श शामिल हो सकता है। नियो-टेक®डोनियरग्रुप की कंपनियों द्वारा विकसित एक अनूठी तकनीक है, जो भारतीय कपड़ा उद्योग के प्रतिमानोंमें बदलाव लाने के इरादे से किए गए व्यापक और गहन अनुसंधान और विकास की परिणति है। ब्व्टप्क्-19 के मद्देनजर, इंडस्ट्री के दिग्गजों, जाने-माने केमिकलसप्लायर्स और तकनीकी संस्थानों की एक टीम का गठन किया गया था, जिसका उद्देश्य ऐसे फैब्रिक्स विकसित करना है जो उच्च गुणवत्तायुक्त और उपयोगी होने के साथ ही बैक्टीरिया और वायरस से भी बचाव (शील्ड) कर सकें। इसके अलावा वह नमी प्रबंधन, दुर्गंध को रोकने वाली, कूल मैक्स और अन्य तकनीकों से लैस है।

Popular posts from this blog

व्यंजन प्रतियोगिता में पूजा, टाई एंड डाई में सोनाक्षी और रंगोली में काजल रहीं विजेता

नेशनल एचीवर रिकॉग्नेशन फोरम ने विशिष्ट प्रतिभाओं को किया सम्मानित

शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को एसएसपी को भेजा पत्र, DG शिक्षा से की विभागीय कार्रवाई की मांग