पर्यटन योजनाओं को समय से पूरा करने के मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
-पर्यटन योजनाओं का लाभ प्रवासियों को भी मिलेः सतपाल महाराज
देहरादून। उत्तराखंड के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में मंगलवार को पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में पर्यटन विभाग द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो की समीक्षा की गई, साथ ही कोविड-19 के कारण पर्यटन उद्योग पर पड़े दुष्प्रभावों से उबरने की योजना पर भी व्यापक विचार विमर्श किया गया। बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका, गढ़वाल मंडल की प्रबंध निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव तथा अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
मंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के पर्यटन व्यवसाइयों को कोरोना संकट की परिस्थितियों से उबारने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मद्देनजर पूर्व में 75 करोड़ की आर्थिक सहायता पर कैबिनेट अपनी मुहर लगा चुकी है। नेगेटिव कोरोना टेस्ट रिपोर्ट वाले पयर्टक अब आराम से चारधाम यात्रा तथा अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। मेरा अनुरोध है कि सभी लोग सामाजिक दूरी तथा आत्म अनुशासन का परिचय दें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि यथाशीघ्र विकास कार्यों को पूरा कर राज्य की जनता को समर्पित किय जाये। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कैरवान पार्क बनाने के साथ-साथ यात्रियों के लिए सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सतपाल महाराज ने बताया कि कोविड-19 को देखते हुए तय किया गया है कि 72 घण्टे पूर्व कोविड टेस्ट करवाने वाले यात्री की रिपोर्ट यदि नेगेटिव पाई जाती है तो वह कहीं भी घूम सकता है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि सुरकंडा रोपवे निर्माण कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह चाइनीस उपकरणों के स्थान पर स्वदेश निर्मित उपकरणों को रोपवे निर्माण में प्रयोग करे। इसीलिए उसे एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया है।
सतपाल महाराज ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रह आवास (होम स्टे) योजना जो कि कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभावित हुई है उससे जुड़े व्यक्तियों एवं कार्मिकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत 24. 30 करोड़ रुपए की धनराशि के सापेक्ष 11. 85 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को और अधिक आकर्षक बनाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश के मार्गों पर संचालन हेतु एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 50 बसों, इलेक्ट्रॉनिक बसों के क्रय हेतु ऊंची संक्रम की लागत के 50 प्रतिशत किंतु अधिकतम 15 लाख रुपए की राजकीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है। पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ स्वदेश दर्शन के अंतर्गत चल रही योजनाओं की भी समीक्षा की। श्री महाराज ने बताया कि टिहरी झील विकास कार्यों की भी समीक्षा की गई है जिसका की 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। कटारमल जागेश्वर हेरिटेज सर्किट के कार्य भी पूर्ण किए जा चुके हैं। स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत महाभारत सर्किट का 9770.25 लाख रूपये का कन्सेप्ट नोट तैयार कर भारत सरकार को भेजा जा चुका है।
महाराज ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वह सभी कार्यों को समय पर पूरा करें। संस्कृति विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों जानकारी देते हुए बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली धनराशि को 25000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है। इसके अलावा लोक कलाकारों का मानदेय भी दुगना कर दिया गया है। श्री महाराज ने बताया कि प्रदेश में विरासत की अंगीकार योजना लागू की गई है। उन्होंने बताया कि तीलू रौतेली के नाम पर संग्रहालय बनाने की स्वीकृति मिल गई है। बागेश्वर, चंपावत, जोशीमठ, नरेंद्र नगर एवं उधम सिंह नगर में प्रेक्षाग्रह का निर्माण जारी है। सुमित्रानंदन पंत वीथिका कौसानी, जनपद बागेश्वर में उनके घर का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। जबकि अनाशक्ति आश्रम, कौसानी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है। ऋषिकेश में हिमालय संग्रहालय का निर्माण कार्य और गड़ीकैट में हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का कार्य भी प्रगति पर है। समीक्षा बैठक में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, निदेशक आशीष भटगई, संस्कृति निदेशक बीना भट्ट सहित पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित थे।