टिहरी। पीजी कॉलेज गृह विज्ञान विभाग की विभागीय परिषद की पहल पर टाई एंड डाई, व्यंजन और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। व्यंजन प्रतियोगिता में एमए तृतीय सेमेस्टर की पूजा चौहान, टाई एंड डाई में बीए प्रथम वर्ष की सोनाक्षी राज और रंगोली में काजल विजेता बनी। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम का प्राचार्य डा. रेनू नेगी ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत उन्हें उचित अवसर देने की है। गृह विज्ञान विभाग की डा. पुष्पा कुमारी ने बताया कि प्रतियोगिता कराने का लक्ष्य प्रतिभागियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करना है। व्यंजन प्रतियोगिता में पूजा चौहान प्रथम, एमए प्रथम सेमेस्टर की लाइसा खान द्वितीय और बीए द्वितीय वर्ष की काजल तृतीय रही। टाई एंड डाई प्रतियोगिता में सोनाक्षी राज प्रथम, बीए प्रथम वर्ष की विनीता द्वितीय और बीए प्रथम वर्ष की अलीशा तृतीय रही। वहीं रंगोली प्रतियोगिता में काजल प्रथम, रूपाली द्वितीय और शीतल रावत तृतीय रही। विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष डा. प्रीति, डा. इंदिरा जुगरान, डा. कविता काला, डा. रजनी गुसाईं, डा. साक्षी शुक्...
नई दिल्ली, गढ़ संवेदना न्यूज: कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली में नेशनल एचीवर रिकॉग्नेशन फोरम द्वारा आयोजित नेशनल सेमिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से आए अपने अपने क्षेत्र की विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवम सांसद तीरथ सिंह रावत, सांसद अनिल अग्रवाल, पूर्व राज्य मंत्री धीरेन्द्र प्रताप, पूर्व राजदूत के. एल. गंजू एवम क्त जेनिस दरबारी, तुषार पटनायक डारेक्टर डाबर इंडिया लिमिटेड, भाजपा नेता राम कुमार वालिया आदि रहे। कार्यक्रम का संयोजन फोरम के अध्यक्ष सुनील कुकरेजा ने किया। कार्यक्रम में पूरे देश के विभिन्न प्रदेशों से आए अलग अलग क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को फोरम द्वारा नेशनल एचिवर अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पुरस्कार विजेताओ को भारत की नई ताकत बताया। धीरेंद्र प्रताप ने प्रतिभा के लिए उद्देश्य आवश्यक बताया।जबकि राज्य सभा सांसद अनिल शर्मा ने विजेताओं की उपलब्धि को शानदार बताया। समारोह में उत्तराखंड की जानी मानी साहित्यकार रामेश्वरी नादान को बाल साहित्य पर...
देहरादून, वीरेंद्र दत्त गैरोला/गढ़ संवेदना । दिवाली मां बड़ी मात्रा मा पटाखा जलौण सी प्रदूषण बढ़ी जांदू, जै वजह सी कई दिनों तक दिक्कतों को सामणू करण पड़दू। हम सबू तैं ग्रीन दिवाली मनाई चैंद। पटाखा जलौण का दौरान जहरीला रसायन निकलदन, जै सी कि सांस लेणू मुश्किल ह्वै जांदू। आतिशबाजी सी वायुमंडल मां बड़ी मात्रा मां कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होंदी, ये कू हानिकारक प्रभाव त्योहार का कई दिनों बाद तक बणियू रंद। जब पटाखा जलाए जांदन त धातु का लवण अर विस्फोटक एक रासायनिक प्रक्रिया सी गुजरदन जू धुआं का रूप मां वातावरण मां कई जहरीला रसायन छोड़दन। यों मां कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड अर नाइट्रोजन ऑक्साइड शामिल छ। पटाखा जलौण का दौरान निकलण वाली जहरीली गैस अर प्रदूषक हवा, पाणी अर मिट्टी तैं दूषित करदन जू कि पक्षियों, वन्यजीवों, पालतू जानवरों अर मनुष्यों की खातिर हानिकारक होंदन। यी कई व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य तैं गंभीर रूप से प्रभावित करदन अर हार्माेनल असंतुलन कू कारण बणदन। पटाखा जलौण सी वातावरण मां धुंध मां वृद्धि ह्वै जांदी। पटाखों मां मौजूद जहरीला तत्व दहन का दौरान हवा मां पार्टिकुलेट मैटर क...