द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी ने आईपीआरएस 2.0 का अनावरण किया

देहरादून। भारत में लेखकों, संगीतकारों एवं म्यूजिक पब्लिशर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कॉपीराइट संस्था, द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड ने कॉपीराइट संस्थाओं के लिए दुनिया के सबसे उन्नत ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल आरंभ करने की घोषणा की है। पर्याप्त मात्रा में निवेश के साथ-साथ कनाडा के डेटाक्लेफ द्वारा विकसित अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, आईपीआरएस अपने सदस्यों तथा लाइसेंसधारकों के लिए अधिकतम पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। संगीत की लाखों रचनाओं के आधिकारिक डेटाबेस तथा स्केलेबल प्रोसेसिंग की असीमित क्षमता के साथ, यह सशक्त प्रणाली सोसाइटी के सदस्यों को इस श्रेणी में लाभ कमाने के सर्वश्रेष्ठ अवसर प्रदान करेगी।
अपने सदस्यों को पहले से ज्यादा अधिकार प्रदान करने एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, आईपीआरएस की ओर से एक पोर्टल को लॉन्च किया जा रहा है, जहां प्रत्येक सदस्य अपनी व्यक्तिगत जानकारी को एडिट कर सकता है, अपनी रचनाओं की सूची तक पहुँच सकता है, संशोधन के लिए अनुरोध कर सकता है, नए पंजीकरण को प्रस्तुत कर सकता है, रॉयल्टी की अच्छी तरह निगरानी कर सकता है तथा रॉयल्टी के भुगतान का इतिहास देख सकता है। आईपीआरएस 2.0 में लाइसेंसिंग की अत्याधुनिक व्यवस्था भी शामिल है। आईपीआरएस ने यूट्यूब, स्पॉर्टिफाई, अमेजन म्यूजिक, फेसबुक, ऑल्ट बालाजी और ओला जैसे कई बड़े ब्रांडों, डिजिटल संगीत कंपनियों तथा ओटीटी प्लेटफार्म के साथ रणनीतिक साझेदारी की है, जिससे इसके सदस्यों के लिए राजस्व के नए रास्ते खुल गए हैं। अपने स्केलेबल सिस्टम के साथ, यह संस्था एक क्वाड्रिलियन (1000 ट्रिलियन) डेटा को एकदम सटीक तरीके से प्रोसेस कर सकती है तथा सभी प्रसारणों और डिजिटल प्लेटफार्मों पर रॉयल्टी हेतु अनुरोध कर सकती है।


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