शारीरिक शिक्षा तथा योग जीवन शैली के प्रमुख स्तम्भ, व्यक्ति के कल्याण मे दोनांे ही जरूरी

हरिद्वार। व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए जीवन शैली का सन्तुलित होना जरूरी है। जीवन शैली मे रहन-सहन तथा खान-पान के अलावा शारीरिक श्रम, व्यायाम एवं सकारात्मकता का प्रभाव सबसे अधिक पडता है। व्यक्ति द्वारा जीवन शैली के इन्ही घटकों पर ध्यान देेकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के अन्तर्गत शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ मे एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा आॅफ योग को आरम्भ करने के लिए बोर्ड आॅफ स्टडीज की बैठक मे विशेषज्ञ के रूप मे अपना सुझाव देते हुए व्यक्त किये।
डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने कहाॅ कि शिक्षण संस्थानों को वालिन्टीयर्स तैयार करने के लिए इस प्रकार के पाठयक्रमों को संचालित करके आमजन के स्वास्थ्य की चिन्ता करने वाले वालिन्टीयर्स तैयार करने की आवश्यकता है। इन संस्थानों द्वारा ऐसे पाठयक्रमों को संचालित करके प्रतिभावान एवं सक्षम वालिन्टीयर्स तैयार करके स्वस्थ समाज की परिकल्पना साकार हो सकती है। इसलिए देश के सभी शिक्षण संस्थानों में शारीरिक शिक्षा एवं योग के पाठयक्रमों को ओर अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करना चाहिए। जिससे अधिक संख्या मे तैयार वालिन्टीयर्स शारीरिक शिक्षा एवं योग के विद्या के माध्यम से जन कल्याण के प्रति समर्पित भाव से काम करने को प्रेरित हो सके। मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ मे एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा आॅफ योग आरम्भ करने के लिए बोर्ड आॅफ स्टडीज की बैठक मे डीन आॅफ एजूकेशन प्रो0 जयन्ति लाल जैन, चीफ एडमिनिस्टेªटिव आफिसर डाॅ0 सुनील कुमार, विभागाध्यक्ष डाॅ0 दिनेश पाण्डेय एवं संयोजक डाॅ0 एस0 कुमार उपस्थित रहे।


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