सिफारिश विहीन बेरोजगार युवाओं को कौन देगा रोजगारः रघुनाथ सिंह नेगी



-पीआरडी के माध्यम से मिलने वाले रोजगार में नहीं है पंजीकरण व आरक्षण की व्यवस्था
-नेताओं, अधिकारियों एवं ऊंची पहुंच वाले लोगों के करीबियों को ही मिलता है रोजगार


-डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रवर सहायक, इलेक्ट्रीशियन, स्वयंसेवक, वाहन चालक, टाइपिस्ट आदि सभी प्रकार की दुकान चलाता है विभाग
-मलाईदार विभागों में निरंतर तैनाती पाने को चुकानी पड़ती है अधिकारियों को मोटी रकम
-नेताओं के नारे लगाने में व्यस्त युवा जागें

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में सिफारिश विहीन युवा दर-दर की ठोकरें खा रहा है तथा वहीं दूसरी ओर नेताओं, अधिकारियों एवं ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों के आश्रितों, परिचितों, रिश्तेदारों को युवा कल्याण विभाग रोजगार देकर अभिभूत हो रहा है। नेगी ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि पीआरडी के माध्यम से मिलने वाले रोजगार में न तो विभाग में कोई पंजीकरण की व्यवस्था है और न ही आरक्षण इत्यादि की। जब पंजीकरण की कोई व्यवस्था ही नहीं है तो विभाग कैसे रोजगार प्रदान कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि कुछ स्वयंसेवकों को छोड़कर जिनके द्वारा प्रशिक्षण लिया गया है उनको रोजगार देने की बात तो गले उतरती है, लेकिन जिन लोगों के पास कोई प्रशिक्षण नहीं है, उनको भी विभाग ने रोजगार प्रदान कर रखा है। अकेले जनपद देहरादून की बात करें तो सैकड़ों युवाओं को भिन्न-भिन्न पदों यथा डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रवर सहायक, टाइपिस्ट कम स्टेनोग्राफर, वाहन चालक, चैकीदार, सुरक्षाकर्मी, स्वयंसेवक के रूप में रोजगार प्रदान किया गया है। इस कृत्य से प्रतीत होता है कि विभाग प्रदेश के लाखों सिफारिश विहीन युवाओं को छलने जैसा काम कर रहा है। नेगी ने कहा कि उन युवाओं को ही मलाईदार विभागों में भेजा जाता है जो अधिकारियों को हर महीने खुश रखता है तथा उसकी निरंतरता भी बरकरार रहती है। खुश न रखने वाले युवा महीने 2 महीने में ही बाहर कर दिए जाते हैं। मोर्चा प्रदेश के युवाओं से अपील करता है कि नेताओं के नारे लगाना बंद कर अपने रोजगार के बारे में उठ खड़े हों तथा जागरूक हों।



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