बेघर हुए लोगों को विस्थापित करने की मांग को लेकर आप कार्यकर्ताओं ने मसूरी में निकाली रैली, पुलिस से नोक-झोंक


मसूरी। शिफन कोर्ट और आईडीएच बिल्डिंग से बेघर हुए लोगों को विस्थापित करने के लिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा गांधी चैक से विरोध रैली निकाली गई। हालांकि विरोध रैली को पुलिस द्वारा कुछ ही दूरी पर रोक दिया गया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जमकर नोकझोंक हुई।
वही, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस जीप के आगे लेट गए. प्रदर्शनकारियों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध रैली निकालने के लिए इजाजत दी गई। इसके बाद प्रदर्शनकारी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ नगर पालिका परिसर पहुंचे। पालिका प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी किए। उनका कहना है कि पालिका अध्यक्ष द्वारा गरीबों को उजाड़ कर उनको बेघर कर दिया गया है और विस्थापन के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.आम आदमी पार्टी के मसूरी विधानसभा प्रभारी नवीन प्रसाली ने कहा कि आम आदमी पार्टी गरीबों के साथ खड़ी है। राज्य की सरकार या पालिका प्रशासन द्वारा गरीबों को बेघर करके माननीय कृत्य किया है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक सरकार या पालिका प्रशासन बेघर हुए लोगों को विस्थापित नहीं कर देती। तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। वहीं उन्होंने कहा कि जब भी सच्चाई की आवाज उठती है तो उसको शासन और पुलिस उसे दबाने की कोशिश करती है। लेकिन, आम आदमी पार्टी बेघर हुए लोगों को विस्थापित होने तक आंदोलन करती रहेगी।


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मसूरी पालिका बेघर किए गए लोगों के लिए भूमि आवंटन कर शासन को घर बनाने का प्रस्ताव भेजेः आप

देहरादून। आज आम आदमी पार्टी मसूरी ने शिफन कोर्ट की गरीब जनता को उनका हक और न्याय दिलाने के लिए मसूरी पालिका भवन के बाहर प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए आम आदमी पार्टी के मसूरी विधानसभा प्रभारी नवीन पिरशाली ने कहा कि कोरोना काल व बरसात के मौसम में मसूरी नगर पालिका अध्यक्ष व विधायक की राजनीति शिकार बनी मसूरी, शिफन कोर्ट की मजबूर जनता आज अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई गवा कर बेघर होकर अपने परिवार व वुजुर्ग, महिलाएं एवं छोटे बच्चों को लेकर दर दर की ठोकर खाने और एक समूह में हवा घर में रहने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी इन गरीबों की लड़ाई तब तक लड़ती रहेगी जब तक इनको इनका हक और न्याय न मिले। आम आदमी पार्टी जरूरत पड़ने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
यह घटना मसूरी और उत्तराखण्ड के इतिहास की पहली घटना है जिसमें 30 साल से रह रहे  इतने गरीबों का आशियाना बिना पुनर्वास योजना के उजाड़ दिया। इन लोगों के पास कोरोना संकट के चलते पिछले छः माह से कोई रोजगार भी नही है जिससे इनकी स्थिति दयनीय बनी हुई है, आम आदमी पार्टी ने पालिका बोर्ड से मांग की है कि नगर पालिका अध्यक्ष अविलंब बोर्ड की बैठक बुलाकर निर्माणाधीन मैसनिक लॉज बिल्डिंग को शिफन कोर्ट से बेघर किये गए लोगों के नाम करे और इनकी स्थायी व्यवस्था की लिखित रूप में की जाय। तब तक इनके रहने के उचित बंदोबस्त करे।


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