ब्रह्मलीन देवेन्द्रस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज कसक षोडश पुण्यतिथि पर संतोे ने दी श्रद्धांजलि

 

हरिद्वार। जयराम आश्रम हरिद्वार में  ब्रह्मलीन देवेन्द्रस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की षोडश (16वीं) पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। आये हुए अतिथियों, सन्त-महापुरुषों का स्वागत स्वयं जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। अपने गुरुदेव की चर्चा करते हुए कहा कि महाराज जी ने समाज का कल्याण करने के लिए अनेक प्रकल्प स्थापित किये थे, जिसे संस्था पूर्ण निष्ठा, उत्साह एवं समर्पण के साथ आगे बढ़ा रही है। सन्त का जीवन समाज के लिए अनुकरणीय होता है। सन्त केवल कार्य से नहीं, अपितु आचरण से समाज को शिक्षा एवं दृष्टि प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने जयराम आश्रम की शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में किये गये योगदान की चर्चा करते हुए उनके आदर्शों का अनुपालन करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है ऐसा कहा। इस पुण्य अवसर पर जूनापीठाश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने धर्म की व्याख्या करते हुए राम को धर्म का विग्रह बताया-”रामो विग्रहवान् धर्मः“। राम के आदर्श का उनके गुणों का अनुकरण करना ही धर्म है। कार्यक्रम का संचालन महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द जी महाराज एवं प्रो॰ शिवशंकर मिश्र ने किया। कार्यक्रम में श्री किशोर उपाध्याय, सुनीत मिश्रा, गंगाराम आडवानी, शिव सहगल, दीप शर्मा तथा श्री जयराम आश्रम के सम्मानित ट्रस्टीगण एवं भक्तजन उपस्थित रहे।


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