किसानों के साथ कृषि बिल के नाम पर छलावाः रविन्द्र सिंह आनंद



-किसानों की बर्बादी और अनदेखी का प्लान है कृषि बिल

देहरादून। केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों का विरोध उत्तराखण्ड मे आज आम आदमी पार्टी द्वारा किया गया। इस अवसर पर एक पत्रकार वार्ता कर कृषि बिलों को किसान विरोधी बताया गया। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इन किसान विरोधी विधेयकों पर जल्द से जल्द संशोधन किया जाए या कोई निर्णय लिया जाय ताकि किसान खुद के आस्तित्व को सुरक्षित महसूस कर सके।
 पत्रकारवार्ता में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र सिंह आनंद ने कहा कि इन विधेयकों को पारित कर इसे कानून की शक्ल देने का प्रयास केंद्र द्वारा किया जा रहा जिससे सीधे तौर पर किसान के आस्तित्व को खतरा पैदा होगा। उनके जमीन और अधिकारों पर केंद्र द्वारा इस बिल के माध्यम से जो ताना बाना बुना जा रहा , आम आदमी पार्टी  इन विधेयकों का विरोध करती है, यह तीनों ही विधेयक किसान विरोधी हैं अगर मंडियां खत्म हो गई तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा, इसीलिए एक राष्ट्र और एक एमएसपी होनी बेहद आवश्यक है, आप पार्टी की माने तो विधेयक के अंतर्गत कीमतों को तय नहीं किया जा सकता जिस वजह से निजी कंपनियां किसानों का शोषण कर सकती हैं।  श्री आनंद ने कहा कि व्यापारी इसके जरिए फसलों की जमाखोरी करेंगे जिससे बाजार में अस्थिरता उत्पन्न होगी और महंगाई बढ़ेगी, वहीं अगर न्यूनतम मूल्य अपने प्रदेश में किसानों को नहीं मिला तो उन्हें दूसरे राज्यों में जाकर अपनी फसल बेचने पड़ेगी जिससे राज्य सरकार को भी फसल संबंधी दिक्कतें पेश आएंगी।  उन्होंने कहा कि हम इस विधेयक को किसान के हित के लिए नहीं मानते बल्कि बाजार और पूंजीपतियों  के लिए मानते है इस विधेयक के आने से किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बन जाएगा। श्री आनंद ने कहा, आम आदमी पार्टी किसी भी तरह  से इन बिलों को लागू नहीं होने  के लिए हरसंभव प्रयास करेगी और किसान भाइयों के साथ ज्यादती नहीं होने देगी,चाहे उसके लिए उनको सड़कों पर उतर कर किसानों की आवाज को बुलंद करना पड़े। यही नहीं आप, केंद्र सरकार से मांग करती है इन किसान विरोधी  विधेयकों पर जल्द से जल्द  संशोधन या कोई निर्णय लिया जाय ताकि किसान खुद के आस्तित्व को सुरक्षित महसूस कर सके । अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश के किसानों के साथ सड़क से लेकर सदन तक किसानों की आवाज को बुलंद करने के तैयार है। आम आदमी पार्टी का  इस बिल  को लेकर तौर पर कहना है कि इस विधेयक से किसानों की अनदेखी और बर्बादी केंद्र सरकार कर रही है इससे किसानों की जमीनों का औद्योगीकरण होगा किसानों की जमीन और अधिकार सुरक्षित नहीं रह पाएंगे। केंद्र द्वारा इसे संसद में पारित कराकर इसे कानून बनाने की शक्ल देने का जो प्रयास किया जा रहा उसे, उसके खिलाफ  आप,सड़कों पर प्रदर्शन करेगी हर किसान के साथ खड़ी रहेगी। पत्रकार वार्ता में आम आदमी पार्टी के प्रदेश महासचिव विशाल चैधरी भी मौजूद थे।


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