Saturday, 19 September 2020

कृषि बिल पर कांग्रेस अपने जाल में फँसी, कुछ बोलते न पड़ा तो हरीश रावत ने मौन धारण कर लियाः भगत

देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कृषि बिल पर कांग्रेस व कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस जो पहले खुद कृषि बिल के समर्थन में थी अब उसका विरोध कर अपने ही जाल में फँस गई है और जब कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री हरीश रावत के पास कहने को कुछ नहीं रहा तो उन्होंने मौन धारण कर लिया।
   भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशी धर भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा द्वारा संसद में लाए गए कृषि बिल ऐतिहासिक हैं और इससे किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। इससे उनकी आमदनी व उत्पादन दोनों में वृद्धि होगी। साथ ही वे न्यूनतम समर्थन मूल्य और बिचैलियों के मकड़ जाल से भी मुक्त हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि इसका लाभ उत्तराखंड के किसानों को भी मिलेगा व प्रदेश में कृषि के विकास में भी नई व्यवस्था फायदेमंद होगी।
   श्री भगत ने कहा कि इन बिलों का विरोध कर कांग्रेस के दोहरे चरित्र व धोखा देने आदत का फिर खुलासा हुआ है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में सरकार में आने पर ये बिल लाने का वायदा किया था और इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। लेकिन अब जब प्रधानमंत्री श्री मोदी की सरकार ये बिल लाई है तो कांग्रेस इनका विरोध कर रही है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के खाने के और दिखाने के दाँत हमेशा अलग अलग रहे हैं। कांग्रेस कभी भी जनता से किए वायदे पूरे नहीं करती।
   श्री भगत ने पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस राष्ट्रीय महा सचिव हरीश रावत के मौन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब बोलने को कुछ नहीं होता तो मौन रहना मजबूरी बन जाती है। श्री रावत ने मौन रह कर बोलने से भी बचने व उसकी खबर भी बन जाने की सोच के साथ मौन का नाटक किया। यह बात अलग है कि उनकी पार्टी के कई नेता मौन के समय मोबाईल फोनो पर बात करते हुए कैमरों में कैद हो गए ।यह भी कांग्रेस का दोहरा चरित्र ही दिखाता है। लेकिन इस सारे घटना क्रम से साफ हो गया है कि कांग्रेस दोहरे चरित्र की पार्टी होने के साथ साथ बिचैलियों के साथ है, किसानों के नहीं।


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