ऑनलाइन कार्यशाला के माध्यम से मैड ने बनाये कपडे़ व कागज के थैले

देहरादून। दून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग ए डिफ्फेरेंस बाय बीइंग द डिफ्फेरेंस (मैड) ने शनिवार को कागज और कपडे के बैग बनाने की ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित कर के इस  कोरोना काल मे भी पर्यावरण को बचाने की कोशिश जारी रखी है। एक तरफ जहाँ पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है, दूसरी ओर दूषित हो रहे पर्यावरण को बचाने के लिए मैड संस्था के बच्चे शाम 6 बजे जूम ऐप्लिकेशन मे जुड़े और इस कार्यशाला को आयोजित किया। इस कार्यशाला मे बिना सिलाई या महंगी गोंद इस्तेमाल किये सभी को कपड़े और कागज से बैग और थैले बनाने सिखाये गए और उनके प्रयोग मे लाने पर जोर दिया। बैग और थैले बनाने ले लिए सदस्यों ने घर से ही पुराने अखबार और टी-शर्ट्स का इस्तेमाल किया। कार्यशाला में कागज के बैग को चिपकाने के लिए लई (गोंद) भी सिखाई गयी। मैड संस्था विगत 9 साल से रिस्पना और बिंदाल नदियों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र मे काम कर रही है। इस अभियान और कार्यशाला में शरद माहेश्वरी, अल्का नेगी, निकिता पंत, आदर्श त्रिपाठी आदि शामिल थे।


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