भाजपा सेवा ही संघटन है के सिद्धान्त की राजनीति करतीः भंडारी

देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के धर्मपुर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश महामंत्री भाजपा राजेन्द्र भंडारी ने भाजपा इतिहास और विकास विषय पर बोलते हुए कहा कि भाजपा की स्थापना ही अखंड भारत के निर्माण के लक्ष्य को लेकर हुई है। देश मे ऐसा कोई अन्य दल ंहै जो इस परिकल्पना को लेकर देश मे राजनीति करते हैं। अन्य दलों व भाजपा ये स्पष्ट अंतर है कि भाजपा सत्ता को प्राप्त करने की राजनीति के बजाय सेवा ही संघटन है के सिद्धान्त की राजनीति करती है। यही विचार लेकर भाजपा प्रशिक्षण वर्गों के माध्यम से एक सामान्य कार्यकर्ता को प्रशिक्षण के माध्यम से अच्छा नेता बनाने का कार्य करते हैं।
श्री भंडारी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की भारतीय जनता पार्टी का विचार राष्ट्र जागरण का विचार है भाजपा का कार्य विश्व मे भारत माता की जय जय करना है जिस कार्य को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बखूबी कर रहे हैं। उन्होंने पंडित दीनदयाल उद्धरण देते हुए कहा की उनका स्पष्ट किया कि हमने जो राजनीतिक पार्टी बनाई हैश् वो सत्ता कबजाने के लिए नहीं  बल्कि  राष्ट्र को मजबूत और अंत्योदय के विचार  को देश मे स्थापित करना है। प्रशिक्षण मात्र दो दिन की बैठक नहीं बल्कि प्रशिक्षण का  उद्देश्य है सर्व समाज को साथ लेकर  भारत माता की सेवा के कार्य को आगे बढ़ाना है। प्रदेश महामंत्री जी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा देश का दुर्भाग्य रहा कि 1947 से भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर जितने भी दल आये हैं उन्होंने राष्ट्र जागरण और राष्ट्र की मजबूत न्यू के लिए एक ही प्रशिक्षण वर्ग नहीं लगाया। भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो निरंतर राष्ट्र जागरण और राष्ट्र को विश्व में राष्ट्र गुरु बनाने का कार्य कर रही है। भारतीय जनता पार्टी व्यक्तित्व निर्माण करके उसके अंदर राष्ट्र निर्माण की लोह प्रज्वलित करती है। भाजपा कार्यकर्ता व्यक्ति को छोड़कर संगठन के निर्माण में लगता यही सब हम अपने कार्यकर्ता को प्रशिक्षण वर्ग में सिखाते हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सेवा ही संगठन है यह विचार केवल संगठन के महत्व को जानने वाला ही जान सकता है। यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है हमारे पूर्वजों ने देश निर्माण के लिए महान त्याग दिया है। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश के लिए कार्य करते हुए देश के लिए बलिदान दिया है उन्होंने नेहरू सरकार में कार्य किया, लेकिन उनके विचारों से सहमत नही हुए  ये स्पष्ट किया की नेहरू के विचारों से देश दिन प्रतिदिन कमजोर होगा उसी के तहत  धारा 370 और 35। का विरोध कर नेहरू सरकार का विरोध कर  जनसंघ की स्थापना की। इसी का विरोध करते हुए राष्ट्र निर्माण को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान हुवा। आज उन्ही विचारों के साथ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। अंग्रेजों ने जब इस देश पर आक्रमण किया और इस देश पर शासन किया तो सबसे पहले उन्होंने हमारी सनातन संस्कृति पर आघात पहुंचाया और हमारे गुरुकुल जहां से राष्ट्र जागरण का विचार जागृत होता था उसको नष्ट करके मैकाले कि शिक्षा नीति को इस राष्ट्र में लाया। 


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