कोरोना के चलते औपचारिक तौर मनाया जाएगा पाइंता पर्व

विकासनगर। जौनसार बावर में इस साल कोरोना के चलते पाइंता पर्व औपचारिक तौर मनाया जाएगा। ग्रामीणों ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ये फैसला लिया है। यह त्योहार क्षेत्र में तीन दिनों तक मनाया जाता था।
दरअसल, मैदानी क्षेत्रों में जहां दशहरा पर्व मनाया जाता है, वहीं जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में पाइंता पर्व मनाया जाता है। इस पर्व पर गांव का हर ग्रामीण अपने देवों के मंदिर में माथा टेककर खुशहाली की कामना करता है। इसी दौरान क्षेत्र के दो गांव उदपाल्टा व कुरौली के ग्रामीणों के बीच गागली युद्ध होता है। गागली युद्ध के पीछे की कहानी भी रोचक है। कलंक से बचने के लिए उत्पाल्टा व कुरौली के ग्रामीण पाइंता पर्व पर गागली युद्ध का आयोजन कर पश्चाताप करते हैं। राजेंद्र सिंह स्याणा ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा दो परिवार की रानी व मुनि के पुतले बनाए जाते हैं और उनकी पूजा की जाती है। पाइंता पर्व पर गांव के नजदीक कुएं में पुतलों को विसर्जित किया जाता है। ग्रामीण ढोल नगाड़ों की थाप पर गागली युद्ध के लिए देवदार स्थल के लिए जाते हैं। युद्ध को लेकर दोनों गांव के ग्रामीण में विशेष उत्साह रहता है। गांव के सार्वजनिक स्थल पर ढोल नगाड़ों व रणक्षेत्र एक ही था, इस दौरान जबरदस्त के आखिरी युद्ध होता था लेकिन इस कोरोना के चलते ये पर्व सिर्फ औपचारिक तौर पर मनाया जाएगा।


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