प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले से असहज प्रदेश सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सरकार ने बुधवार देर सायं सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है। पूरे मामले को लेकर भाजपा ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद हैं। बुधवार को भाजपा मंडल प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन में हरिद्वार पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत ईमानदार हैं और उनके नेतृत्व में सरकार पूरी पारदर्शिता से कार्य कर रही है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री पर कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों को सिद्ध नहीं कर सकता है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने मंगलवार को पत्रकार उमेश जे कुमार के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों को निरस्त करने का आदेश दिया था। साथ ही उमेश की याचिका में लगाए आरोपों के आधार पर सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दिया था। कोर्ट ने कहा, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ लगे आरोपों को देखते हुए यह सही होगा कि सच सामने आए। यह राज्य हित में होगा कि संदेहों का निवारण हो।


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