राज्य में इस वर्ष मानव-वन्यजीव संघर्ष में 33 लोगों ने गंवाई अपनी जान

देहरादून। राज्य में पिछले नौ माह में लोगों पर सबसे ज्यादा हमले भालू और जंगली सुअरों ने किए। जबकि गुलदार और हाथियों ने सबसे ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा। इस साल अब तक वन्यजीवों के हमले में राज्य के 160 लोग घायल हुए। जबकि 33 को अपनी जान गंवानी पड़ी।
राज्य ने केंद्र को इसकी रिपोर्ट भेजी है। जनवरी से सितंबर तक राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष की कई घटनाएं हुईं। जिनमें 33 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। जबकि 160 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इसमें सबसे ज्यादा लोगों को भालुओं ने घायल किया, जिनकी संख्या 56 है। इसी तरह गुलदारों ने 44, जंगली सुंअरों ने 30, सांपों ने 24, बाघों ने 4 और हाथियों ने दो लोगों को घायल किया। मरने वालों में सबसे ज्यादा 18 शिकार गुलदार ने किए। जबकि हाथियों ने पांच, भालुओं ने तीन, सांपों ने चार और जंगली सुंअरों ने दो लोगों को मार डाला। वन्यजीवों के हमले की सबसे ज्यादा घटनाएं पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नरेंद्रनगर, टोंस और पौड़ी डिवीजन में हुए। इन्हीं जगहों पर मरने और घायल होने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा रही। वन विभाग ने मृतकों के आश्रित और घायलों में से लगभग सभी को मुआवजा दे दिया है। जबकि कुछ को दिया जाना है। राज्य में मृतकों के लिए तीन लाख और घायलों के लिए पचास हजार मुआवजे का प्रावधान है।


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