रणनीति बनाने की बैठक में 11 अक्टूबर को धीरेंद्र प्रताप करेंगे प्रतिभाग

-आंदोलनकारियों से अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा देते हुए किया सड़कों पर आने का आह्वान

देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और पूर्व दर्जाधारी मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने 11 अक्टूबर को देहरादून के शहीद स्मारक में राज्य सरकार के आंदोलनकारी विरोधी रुख के विरुद्ध नई रणनीति बनाए जाने हेतु तमाम आंदोलनकारी संगठनों की बुलाई गई बैठक में प्रतिभाग करेंगे। धीरेंद्र प्रताप ने इस आशय की घोषणा करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों को अब अभी नहीं तो कभी नहींके नारे के साथ सड़कों पर उतरना पड़ेगा और तभी राज्य निर्माण आंदोलन कारियो के उत्तराखंड के नवनिर्माण के सपने और आंदोलनकारियों का जो त्रिवेंद्र सरकार के चलते राज्य में घोर अपमान हो रहा है उसमें सुधार किया जा सकेगा।
उन्होंने तमाम आंदोलनकारी संगठनों की एकता पर जोर देते हुए 11 अक्टूबर की बैठक को बहुत महत्वपूर्ण बताया और तमाम आंदोलनकारी संगठनों से कहा है कि वह 11 अक्टूबर को शहीद स्मारक पहुंचे और सरकार के विरुद्ध आंदोलन के जेहाद का ऐलान करें। इस बीच समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सावित्री नेगी मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी धीरेंद्र सिंह पंवार से मिली और आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण और समान पेंशन को लेकर एक ज्ञापन दिया। सावित्री नेगी ने आज रायवाला में आंदोलनकारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर आंदोलनकारियों की भारी उपेक्षा का आरोप लगाया और राज्य सरकार की आंदोलनकारी विरोधी नीतियों के विरुद्ध  आंदोलनकारियों से संगठित होने की अपील की। इस बीच कोटद्वार के जाने-माने राज्य आन्दोलनकारी रामसिंह सैनी के निधन पर समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट, महिला शाखा की अध्यक्ष सावित्री नेगी कार्यकारी अध्यक्ष विजेंद्र पोखरियाल अनिल जोशी अमर सिंह अहतान पूर्व राज्य मंत्री सरिता नेगी और केंद्रीय संयोजक मनीष नागपाल देहरादून जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बौठियाल और कोटद्वार शाखा के अध्यक्ष बलवंत सिंह रावत ने गहरा दुख और शोक व्यक्त करते हुए राम सिंह सैनी को एक समर्पित राज्य निर्माण आंदोलनकारी बताया और उनके निधन को राज्य की बड़ी क्षति बताया। उल्लेखनीय है राम सिंह सैनी समिति के केंद्रीय प्रचार सचिव थे। और कोटद्वार और गढ़वाल मंडल में राज्य आंदोलनकारियों की लड़ाई में सबसे आगे रहते थे। वे 65 वर्ष के थे।


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