आरक्षित वर्गों को रोजगार मामले में उपनल की तानाशाही बर्दाश्त नहींः मोर्चा


 
-शासनादेश का अनुपालन कराने को अपर मुख्य सचिव को भेजा पत्र

विकासनगर। उपनल द्वारा युवाओं को दिए जा रहे रोजगार मामले में आरक्षित वर्गों को प्रावधानित आरक्षण का कड़ाई से अनुपालन न किए जाने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने अपर मुख्य सचिव, सैनिक कल्याण विभाग को पत्र प्रेषित कर कार्यवाही की मांग की। नेगी ने कहा कि कार्मिक विभाग के शासनादेश संख्या 426 25 मई 2012 द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवायोजन में आरक्षण के प्रावधान लागू किए गए थे, जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी हेतु क्रमशः 19, 4, 14 फीसदी की व्यवस्था की गई थी।
गत वर्ष मार्च 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु 10 फीसदी आरक्षण की  व्यवस्था की गई है इसके अतिरिक्त इसी में क्षैतिज आरक्षण की भी व्यवस्था की गई थी। पूर्व व्यवस्था के अनुसार सिर्फ सैनिक पृष्ठभूमि  एवं बाद में सभी को रोजगार और फिर से सिर्फ सैनिक पृष्ठभूमि के लोगों को रोजगार दिए जाने की  आदेश जारी किए गए, जिसमें बड़ी संख्या में  गैर सैनिक पृष्ठभूमि के लोगों को  मिलीभगत कर रोजगार दिया गया। नेगी ने हैरानी जताई कि वर्ष 2012 से फरवरी 2019 तक उपनल द्वारा 10,033 युवाओं को रोजगार दिया गया, जिसमें आरक्षित वर्ग के मात्र 2,122 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया यानी बामुश्किल 20- 21 फीसदी को ही रोजगार दिया गया। वर्तमान व्यवस्थानुसार सभी को रोजगार प्रदान किए जाने के आदेश सरकार ने दिए हैं। नेगी ने उपनल को  के चेताया कि 10 फीसदी कमजोर वर्ग एवं अन्य प्रावधानित 37 फीसदी आरक्षण का अनुपालन करे वरना शीघ्र ही उपनल के खिलाफ आंदोलन चलाया जाएगा।


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