महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को लेकर यूकेडी महिला प्रकोष्ठ का सम्मेलन आयोजित


देहरादून। उत्तराखंड क्रान्ति दल महिला प्रकोष्ठ द्वारा उत्तरांचल प्रेस क्लब परेड ग्राउंड देहरादून में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्षा प्रमिला रावत ने की तथा संचालन मीनाक्षी घिल्डियाल ने किया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि राज्य आंदोलन के अग्रिम पंक्ति की नेत्री मातृ शक्ति की प्रतीक सुशीला बलूनी थी, विशिष्ट अथितियों में राज्य आंदोलन की अग्रिम नेत्री सरिता गौड़, निर्मला बिष्ट, समाजसेविका निशा अतुल्य, उषा भट्ट, अल्पना जदली अधिवक्ता, प्रमिला राठौर अधिवक्ता थी।
           सम्मेलन में कोरोना काल मे उत्कृष्ट कार्य एवं लगन के जन सेवा करने वाली देहरादून की नगर अधीक्षक श्वेता चैबे को सम्मानित किया। सम्मेलन का प्रारंभ मुख्य अतिथि सुशीला बलूनी ने दीप प्रज्वलित करके शुरुआत की। सम्मेलन में बोलते हुए सुशीला बलूनी ने कहा कि आज 50 प्रतिशत महिला आबादी होने के बावजूद आज महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा का सवाल आज के समाज मे उठाया जा रहा है। महिलाएं देश के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री पदों में रहते हुये देश में अनेक क्षेत्रों में अपनी सेवा देकर नाम ऊंचा कर रही है। समाज मे महिलाओं को अपने आप मे सुदृढ़ और साहसी होना पड़ेगा। महारानी लक्ष्मीबाई, से लेकर चिपको आंदोलन की जनक गौरा देवी, राज्य के लिये प्रथम जान न्योछावर करने वाली शहीद हंशा धनाई और बेलमति चैहान के साहस इतिहास की लकीर बनकर स्वर्ण अक्षरों में लिखा है जो महिलाओं के साहस का प्रतीक है। सम्मेलन में सरिता गौड़ ने कहा कि महिलाओं को अपने बच्चों में संस्कारों को देकर देश के लिये आदर्श पथ पर चलने के लिये मजबूत करना होगा। अपने अधिकारों के लिये संघर्ष को जीत में बदलने के लिये मानसिक रूप से शक्तिशाली होना होगा।
        निर्मला बिष्ट ने कहा कि मातृ शक्ति के बदौलत हमे राज्य मिला है। हमेशा महिलाएं आगे रही है। समाज मे हो रहे महिलाओं के साथ बलात्कार, अत्याचार की घटनाओं के खिलाफ डटकर महिलाओं को आगे आना होगा। अन्य अथितियों ने भी महिला अधिकारों के लिये महिलाओं को सजग होना होगा। पुरुष प्रधान समाज मे महिलाओं को कम न आका जाय। महिलाओं के बदौलत सृष्टि चलती है। पुरुष प्रधान समाज को जो बलात्कार की घटनायें झकजोर देती है ऐसे घटनाओं के लिये समाज को सजग और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिये आगे आना होगा। घटनाओं के बाद नही घटनायें ऐसी न हो इसके लिये सरकार का पुलिस तंत्र और देश का कानून को कठोरता के साथ पेश आना होगा। सम्मेलन में विशेष रूप से दल के कार्यकारी अध्यक्ष श्री ए पी जुयाल विशेष आमंत्रित रहे व महिला अधिकारों के पक्ष में विचार रखे। सम्मेलन के अंत मे कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्रमिला रावत ने मुख्य अतिथि और और विशिष्ट अथितियों का धन्यवाद देते है कहा कि महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा पर उक्रांद हमेशा महिलाओं के अधिकारों के लिये आगे रहेगा। खुद एक अधिवक्ता होते हुये आमजन की समस्याओं के लिये आगे रहते है। समाज मे महिलाये सुरक्षित अधिकार सम्पन्न बनाने का कर्तव्य हर नागरिक का है। सम्मेलन मरेखा मिंयां मीनाक्षी घिल्डियाल, इंदु नवानी, प्रियंका शर्मा,चंद्र सुंदरियाल,शकुंतला रावत,प्रीति नेगी आदि महिलायें उपस्थित रहीं।


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