लिंगड़ा औषधीय गुणों से है भरपूर

देहरादून। गाड़-गधेरों के किनारे उगने वाला लिंगड़ा कई औषधीय गुणों से भरपूर है। यह मधुमेह जैसी बीमारी के लिये अत्यंत लाभकारी फर्न है। लिंगड़े में मैग्नेशियम, कैल्शियम, नाइट्रोजन,फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन, जिंक होने के कारण इसे कुपोषण से निपटने के लिये भी एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत माना गया है। यही नही लिंगड़ा में विटामिन ए,विटामिन बी कंप्लेक्स,केरोटीन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। लिगुड़ा की सब्जी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार है। इसे खाने से त्वचा भी अच्छी रहती है। इसकी विदेशों में भी काफी मांग है। इसे सब्जी के साथ-साथ अचार और सलाद के रूप में भी खाया जाता है। विश्व के कई देशों में लिंगड़ा की खेती वैज्ञानिक एवं व्यवसायिक रूप से भी की जाती है। लिंगड़ा उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि चीन, जापान आदि कई देशों में पाया जाता है। दुनियाभर में लिगड़ा की लगभग 400 प्रजातियां पाई जाती हैं। लिंगड़ा का वैज्ञानिक नाम डिप्लाजियम एसकुलेंटम है और एथााइरिएसी फैमिली से संबधित है। उत्तराखंड सरकार को भी लिंगड़े की खेती वैज्ञानिक एवं व्यवसायिक तरीके से करने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। यह आजीविका सुधारने की दिशा में भी काफी मददगार साबित हो सकती है। विभिन्न जगह इसे अलग-अगल नामों से जाना जाता है। उत्तराखंड में इसे लिंगड़ा तो सिक्किम में इसे निगरू, हिमाचल प्रदेश में लिंगरी नाम से जाना जाता है। यह सामान्यतः नमी वाली जगह पर मार्च से जुलाई के मध्य पाया जाता है। यह समुद्रतल से 1900 मीटर से 2900 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। लिंगेडे का उपयोग सामान्यत सब्जी बनाने में ही किया जाता है लेकिन अन्य देशों में इसकी सब्जी बनाने के साथ-साथ अचार और सलाद के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। लिंगड़े में उपस्थित मुख्य औषधीय तत्वों और प्रचुर मात्रा में मिनरल पाये जाने के कारण यह औषधीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। लिंगड़े में कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें प्रोटीन 54 ग्राम, लिपिड 0.34 ग्राम, कार्बोहाइड्रेड 5. 45, फाइबर 4.45 ग्राम पाया जाता है। इसके अलावा विटामीन सी-23.59 एमजी, विटामीन बी 4. 65, फेनोलिक 2.39 एमजी पाया जाता है। इसमें मिलरल एफई 38.20 एमजी, जेडआईएन 4.30 एमजी, सीयू 1.70 एमजी, एमएन 21.11, एनए 29.0, के 74.46, सीए 52.66, एमजी 15.30 एमजी पाया जाता है। उत्तराखंड में इसकी व्यवसायिक खेती किए जाने की जरूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार लिगुड़ा की सब्जी में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर लिगुड़ा की सब्जी हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।

Popular posts from this blog

व्यंजन प्रतियोगिता में पूजा, टाई एंड डाई में सोनाक्षी और रंगोली में काजल रहीं विजेता

नेशनल एचीवर रिकॉग्नेशन फोरम ने विशिष्ट प्रतिभाओं को किया सम्मानित

शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को एसएसपी को भेजा पत्र, DG शिक्षा से की विभागीय कार्रवाई की मांग