Monday, 8 March 2021
महिला दिवस पर पारंपरिक उत्तराखंडी परिधान प्रतियोगिता ‘उत्तराखंडी परिधान म्यर पहचाण’ आयोजित
देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा पारंपरिक उत्तराखंडी परिधान प्रतियोगिता उत्तराखंडी परिधान म्यर पहचाण का भव्य आयोजन होटल वाइसरॉय ग्रैंड जी0एम0एस0 रोड देहरादून में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मा0 विभागीय मंत्री जी द्वारा प्रतिभाग किया गया। सांस्कृतिक परिधानों एवं आभूषणों को समर्पित इस अनूठी प्रतियोगिता की तीन श्रेणियों क्रमशः नौनीध्चेली, सैणी तथा आमा में प्रदेश भर से 79 बालिकाओं एवं महिलाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की विशिष्टता यह रही कि मुख्य अतिथि महोदया द्वारा भी पारंपरिक कुमाउँनी परिधानों एवं आभूषणों को धारण कर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। बकौल मा0 मंत्री जी उत्तराखंडी परिधान की पहचान को बनाये रखने तथा उसकी विशिष्टता को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए महिला दिवस पर विशेष रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया क्योंकि किसी भी समाज में महिलाएं संस्कृति की धुरी होती हैं जो खानपान, वेशभूषा, भाषा, लोककला आदि सांस्कृतिक तत्वों की मुख्य रक्षक, संवाहक एवं स्वयं प्रतिबिम्ब होती हैं। मा0 मंत्री जी ने कहा कि बीते कुछ दशकों में पारंपरिक परिधानों की उपेक्षा के कारण इनका उपयोग सांस्कृतिक मंचों तक सिमट कर रह गया था। किंतु पर्वतीय एवम मैदानी ग्रामीण अंचलों में महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला परिधान एवं आभूषण आज भी उत्तराखंड के इतिहास एवं सांस्कृतिक वैविध्य को जीवित रखे हुए हैं। अतः हमारा कर्तव्य है कि उत्तराखंड के पारंपरिक गौरव एवं सांस्कृतिक विशिष्टता की पहचान इन परिधानों को पहनावे के रूप में न सिर्फ प्रोत्साहित किया जाना चाहिए बल्कि इनके संरक्षण के हर संभव प्रयास किये जाने चाहिए। कार्यक्रम में पदमश्री सम्मानित लोकध्जागर गायिका श्रीमती बसंती बिष्ट जी द्वारा जागर प्रस्तुति की गई। श्रीमती बसंती बिष्ट जी ने इस कार्यक्रम को महिलाओं के प्रति समर्पित यज्ञ की संज्ञा दी।
नौनी, सैणी तथा आमा वर्ग की महिलाओं ने कुमाऊँनी, गढ़वाली, जौनसारी, उच्च पर्वतीय जनजातियों के परिधानों के अतिरिक्त उत्तराखंड में रहने वाले विभिन्न समुदायों द्वारा पहने जाने वाले परिधानों के साथ शिरकत की। रंगयाली पिछौड़ा, घाघरा, दगेली, रोंगपा परिधान, गढ़वाली गांति धोती, जौनसारी कोटि-घाघरे के अतिरिक्त बंगा, जिको, धागुली, पौंजी, गलोबन्द आदि विभिन्न आभूषणों में महिलाओं ने उत्तराखंड की पारंपरिक परिधानों को मंच पर जीवन्त किया।
इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास श्री हरि चंद्र सेमवाल ने समस्त समाज को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता का परिचय कराया। इस अवसर पर उपनिदेशक सतीश कुमार सिंह, कार्यक्रम अधिकारी भारती तिवारी, अखिलेश कुमार मिश्र, विक्रम सिंह, एस0के0 त्रिपाठी, मुकुल चैधरी एवं अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संचालन में द वाइसरॉय ग्रैंड के मालिक अनिल गर्ग एवं वैभव गर्ग ने सहयोग प्रदान किया। प्रतियोगिता के विजेताओं की सूची संलग्न है।
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