सीएम आवास में प्रवेश पर धामी को राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश के अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मुख्यमंत्री से भेंट कर शुभकामनायें दीं। मुख्यमंत्री ने शुभ
नई दिल्ली, गढ़ संवेदना न्यूज: कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली में नेशनल एचीवर रिकॉग्नेशन फोरम द्वारा आयोजित नेशनल सेमिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से आए अपने अपने क्षेत्र की विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवम सांसद तीरथ सिंह रावत, सांसद अनिल अग्रवाल, पूर्व राज्य मंत्री धीरेन्द्र प्रताप, पूर्व राजदूत के. एल. गंजू एवम क्त जेनिस दरबारी, तुषार पटनायक डारेक्टर डाबर इंडिया लिमिटेड, भाजपा नेता राम कुमार वालिया आदि रहे। कार्यक्रम का संयोजन फोरम के अध्यक्ष सुनील कुकरेजा ने किया। कार्यक्रम में पूरे देश के विभिन्न प्रदेशों से आए अलग अलग क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को फोरम द्वारा नेशनल एचिवर अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पुरस्कार विजेताओ को भारत की नई ताकत बताया। धीरेंद्र प्रताप ने प्रतिभा के लिए उद्देश्य आवश्यक बताया।जबकि राज्य सभा सांसद अनिल शर्मा ने विजेताओं की उपलब्धि को शानदार बताया। समारोह में उत्तराखंड की जानी मानी साहित्यकार रामेश्वरी नादान को बाल साहित्य पर
टिहरी। पीजी कॉलेज गृह विज्ञान विभाग की विभागीय परिषद की पहल पर टाई एंड डाई, व्यंजन और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। व्यंजन प्रतियोगिता में एमए तृतीय सेमेस्टर की पूजा चौहान, टाई एंड डाई में बीए प्रथम वर्ष की सोनाक्षी राज और रंगोली में काजल विजेता बनी। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम का प्राचार्य डा. रेनू नेगी ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत उन्हें उचित अवसर देने की है। गृह विज्ञान विभाग की डा. पुष्पा कुमारी ने बताया कि प्रतियोगिता कराने का लक्ष्य प्रतिभागियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करना है। व्यंजन प्रतियोगिता में पूजा चौहान प्रथम, एमए प्रथम सेमेस्टर की लाइसा खान द्वितीय और बीए द्वितीय वर्ष की काजल तृतीय रही। टाई एंड डाई प्रतियोगिता में सोनाक्षी राज प्रथम, बीए प्रथम वर्ष की विनीता द्वितीय और बीए प्रथम वर्ष की अलीशा तृतीय रही। वहीं रंगोली प्रतियोगिता में काजल प्रथम, रूपाली द्वितीय और शीतल रावत तृतीय रही। विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष डा. प्रीति, डा. इंदिरा जुगरान, डा. कविता काला, डा. रजनी गुसाईं, डा. साक्षी शुक्
देहरादून, (गढ़ संवेदना) । घरों के आस-पास चहचहाने वाली गौरैया के विलुप्ति के कगार पर है। इसका मुख्य कारण इंसान की बदलती दिनचर्या है। कुछ सालों में गौरैया खत्म होने की कगार पर है। विशेषज्ञों के अनुसार शहरों में लगातार हो रहे प्रदूषण, अनाजों में रासायनिक दवाइयों के इस्तेमाल और रेडिएशन के वजह से गौरैया पर इसका बुरा असर पड़ा है। अगर जल्द इस विलुप्त हो रहे पक्षियों को संरक्षित और संरक्षण करने का काम नहीं किया गया तो एक दिन यह पक्षी नजर नहीं आएंगे। मोबाइल टावर से निकलने वाले विकिरण, रासायनिक अनाज गौरैया के प्रजनन और अंडे देने की क्षमता में बुरी तरह से प्रभावित हुई है। शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी गौरैया विलुप्ति की कगार पर है। जिसका मुख्य कारण लगातार कंक्रीट के मकान है ऐसे में अगर जल्द इनके संरक्षण के उपाय नहीं किए गए तो सुंदर चिड़िया हम सब देखने को तरस जाएंगे। विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। गौरैया के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उददेश्य से वर्ष 2010 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई थी। पिछले कुछ समय से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और इनके अस्तित्व पर संकट