डीटीसी इंडिया की करोड़ों की जमीन अवैध रूप से बेचने के मामले में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज

देहरादून। देहरादून की चाय कम्पनी डीटीसी इंडिया लिमिटेड करोड़ों की जमीन अवैध रूप से बेचने के मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्रेमनगर थाना, देहरादून में चार अभियुक्तों सुशील कुमार आर्या, त्रिशला आर्या, संजय सिंह कटारिया और सतीश कुमार के खिलाफ आईपीसी धारा 420, 46, 468, 471, 120-ठ, 409 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ। अवैध रूप से रह रहे कम्पनी के रिटायर्ड क्लर्क सुशील कुमार आर्या और उनकी पत्नी त्रिशला आर्या ने कूटरचित दस्तावेज बना कर करोड़ो की जमींन अवैध रूप से बेचीं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, देहरादून के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। डीटीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा वर्ष 1979 में सुशील कुमार आर्या पुत्र स्व ओ पी शास्त्री हाल निवासी स्टाफ बाबूलाइन, आर्केडिया ग्रान्ट, देहरादून को अपनी कंपनी में नौकरी पर रखा था। वर्ष 1983-84 में ऑफिस के कार्यो में लापरवाही बरतने के कारण कंपनी द्वारा उन्हें निकल दिया गया। फिर उसके द्वारा कंपनी के सीनियर्स से माफी मांगने और भविष्य में कोई लापरवाही नहीं बरतने का वादा करने पर उन्हें फिर से नौकरी पर वापस रख लिया गया और कंपनी के स्टाफ क्वार्टर मे मरमत करवा कर उनको रहने के लिए दे दिया गया। 2016 में सुशील कुमार आर्य कम्पनी से रिटायर्ड हो गए थे। जिसके बाद डी टी सी इंडिया लिमिटेड कम्पनी द्वारा उन्हें स्टाफ क्वार्टर खली करने के सम्बन्ध में पत्र लिखा गया इस पर भी उन्होंने कंपनी के क्वार्टर को खली नहीं किया और वही रहने लग गए। डी के सिंह, पूर्णकालिक निदेशक, डी टी सी इंडिया लिमिटेड को हाल ही में पता चला कि सुशील कुमार आर्य ने 5 अप्रैल 2021 में कम्पनी की खाता संख्या 2478 खसरा नं० 588 मी की 3560 वर्ग मीटर आबादी भूमि स्थित मौजा, आर्केडिया ग्रान्ट, जमीन जिसमे की कम्पनी का स्टाफ क्वार्टर भी बना है और वह स्वयं भी रहता था, दो व्यक्तियों संजय सिंह कटारिया पुत्र मंगत राम कटारिया निवासी ग्राम जस्सोवाला, देहरादून व सतीश कुमार पुत्र अनन्त राम निवासी ग्राम ढकरानी , विकासनगर, देहरादून को मात्र 70,00000- सत्तर लाख रूपये में विक्रय कर दिया गया, जबकि कंपनी की कथित भूमि की सरकारी कीमत 3,20,000000 तीन करोड़ बीस लाख रूपये से अधिक है। विक्रय पत्र पर सुशील कुमार आर्या की पत्नी त्रिशला आर्या भी गवाह बानी है। सुशील कुमार आर्या और उसकी पत्नी त्रिशला आर्या का कंपनी की भूमि पर आंशिक कब्जा भी किया हुआ था और इसी का फायदा उठाते हुए उन्होंने आपराधिक षड़यंत्र के तहत संजय सिंह कटारिया और सतीश कुमार के साथ मिलकर बेईमानी व कपटपूर्वक आशय से कूटरचित दस्तावेज तैयार किये और स्वयं को कंपनी की भूमि सम्पति का मालिक दर्शाया जबकि यह लोग अच्छी तरह जानते थे कि सुशील कुमार आर्या इस भूमि सम्पति का मालिक नहीं है। कंपनी द्वारा इस भूमि पर बहुत पहले से आम जनता के लिए एक बोर्ड भी लगा रखा है।

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