सिजोफ्रेनिया को दवा के बिना ठीक किया जा सकताः डॉ. कैलाश मंत्री

हरिद्वार। सिजोफ्रेनिया एक बहु व्यक्तित्व विकार नहीं है। यह और कुछ नही लेकिन वास्तविकता से विचार का नुकसान है और इसे डॉ. कैलाश मंत्री ने बिना दवा के ठीक करने का दावा किया है। मुंबई स्थित डॉ. कैलाश मंत्री एक लाइफ कोच है, और उन्होने सीजोफ्रेनिया को दानव की उपमा दी है। वो पिछले 25 वर्षों से स्चीझोफ्रेनिया जैसी बीमारियों को बिना दवाई ठीक कर रहे हैं। मनोरोग प्रतिरोधी ड्रग्स मानसिक कोहरे संज्ञानात्मक हानि जैसे कई अप्रिय दुष्प्रभाव पैदा करते हैं। स्चीझोफ्रेनिया का दृष्टिकोण बदल रहा है। डॉ. कैलाश मंत्री का कहना है कि मानसिक बीमारी को ठीक करने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। दवाईयों का इस्तेमाल सिजोफ्रेनिया को ठीक करने के लिए नहीं बल्कि केवल व्यक्ति को अधिक सुस्त दिखाने और बनाने के लिए किए जाते हैं। यह मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक विकार है और इसमें दवाओं की कोई भूमिका नहीं है। दवाएं केवल मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती हैं। रोगी की। यह आगे चलकर सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर और मस्तिष्क को चलाकर उपचार को और कठिन बना देता है। उन्होंने कहा है कि लक्षण किशोरावस्था में शुरू होते हैं। वे नवजात शिशु में रहते हैं और उम्र के साथ प्रमुख हो जाते हैं। व्यवहार में परिवर्तन या मनोदशा और नींद की कमी इस जटिल मानसिक विकार के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती गंभीरता के साथ इलाज मुश्किल हो जाता है, इसलिए मानसिक विकार के लिए जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए।

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