ईंट भट्टा स्वामी की हत्या का खुलासा, लाखों रुपये हड़पना चाहते थे आरोपी

हरिद्वार। मंगलौर कोतवाली पुलिस ने ईट भट्टा मालिक की हुई हत्या का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले में सात अन्य लोग भी षड्यंत्र रचने के आरोपी बनाए गए हैं। मंगलौर कोतवाली परिसर में घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी हरिद्वार डी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने बताया 29 जून को कुमराड़ा में बदमाशों द्वारा ईट भट्टा स्वामी अजय मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी मामले के खुलासे के लिए टीम का गठन किया गया तो 4 जुलाई को दोनों शुटर विपिन पुत्र नाथीराम निवासी ग्राम सरोला माजरा, अभिषेक पुत्र अशोक निवासी बहेड़ी गुज्जर को मोहम्मदपुर चैराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की निशानदेही पर दो तमंचे व कारतूस बरामद किए गए। पूछताछ में पता लगा कि आरोपी विपिन के पिता नाथीराम की भूमि पर अजय मलिक ने 16 साल का करार करके भट्टा लगाया था जिसके एवज में 80,000 ईंटे प्रतिवर्ष देनी तय हुई थी लेकिन अब नाथीराम व उसके पुत्र उक्त जमीन को खाली करवाना चाहता था जिसको लेकर पहले भी उसका अजय मलिक के साथ विवाद हुआ था। इसके साथ ही जांच में सामने आया कि अजय मलिक ने एक भट्टा मुजफ्फरनगर जिले में भी लगाया हुआ है जिसमें तीरथ पाल को पार्टनर बनाया हुआ था 2016 में अजय मलिक ने नाथीराम की पुत्री की शादी तीरथ पाल के भाई निन्दरपाल से करवाई थी। वहीं बाद में तीरथ पाल और अजय मलिक के बीच पैसों का लेनदेन के लिए विवाद हो गया। और अजय मालिक ने तीरथ पाल को हिसाब करने के बाद पार्टनरशिप हटा दिया। उसके बाद तिरथपाल, नाथीराम और उसके पुत्र ईट भट्टे की जगह खाली करवाना चाहते थे वही पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 2020 में नाथीराम ने अपनी छोटी पुत्री की शादी में अजय मलिक से 14 लाख उधार लिए थे जिन्हें वह वापस नहीं करना चाहता था और उसने अजय मलिक की हत्या की योजना बनाई योजना में शामिल था कि हत्या के केस में फंसने के बाद भट्टे पर रखी दो करोड़ की इंटे बेचकर केस लड़ा जाएगा। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ 7 अन्य लोगों को हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया है जिसमें अजीत पुत्र नाथीराम, अंकुश पुत्र नाथीराम, नाथीराम पुत्र बुद्धू सिंह, तिरथपाल पुत्र काशीराम, निंदर पाल पुत्र काशीराम, पिंटू पुत्र बिरम सिंह, और सन्नी पुत्र नरेश का नाम शामिल है। आरोपियों को पकड़ने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक यशपाल सिंह बिष्ट, वरिष्ठ उप निरीक्षक देवेंद्र सिंह रावत, उप निरीक्षक शहजाद अली, लोकपाल परमार, नितेश शर्मा, नंदकिशोर बचकोटी, कॉन्स्टेबल प्रभाकर, रविंद्र राणा, हसलवीर सिंह, और दीपक नेगी शामिल रहे।

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