हरकी पैड़ी पर यात्रियों की भीड,़ कहीं ये कोरोना की तीसरी लहर को बुुलावा तो नहीं

हरिद्वार। कोविड मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में धर्मनगरी हरिद्वार आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता अब भी बरकरार है। अंतरराज्यीय बसों का संचालन शुरू होने और बाहरी राज्यों से यात्रियों के आने से निगेटिव जांच रिपोर्ट खानापूर्ति में सिमट गई है। निजी वाहनों से आने वालों की बॉर्डर पर चेकिंग की औपचारिकता हो रही है। जबकि रोडवेज की बसों से आने वाले यात्रियों के लिए रिपोर्ट की बाध्यता नहीं है। ऐसे में वीकेंड पर भीड़ उमड़ रही है और कोविड संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है। यहां हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। वीकेंड पर पार्किंग भी फुल हो रही है। दिल्ली, यूपी, हरियाणा और पंजाब के अनलॉक होने के साथ उत्तराखंड भी कोविड कर्फ्यू में बाजारों के खुलने की छूट है। कोविड कर्फ्यू की एसओपी में हरिद्वार आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता को बरकरार रखा है। बाहरी राज्यों के यात्रियों की भीड़ उमड़ने के साथ एसओपी का पालन नहीं हो रहा है। हरिद्वार में प्रतिदिन हजारों की संख्या में बाहरी लोग आ रहे हैं। पिछले हफ्ते वीकेंड पर हरकी पैड़ी सील करनी पड़ी थी। पार्किंग में वाहन खड़े करने की जगह नहीं मिल रही है। अधिकतर लोग बिना रोकटोक और निगेटिव रिपोर्ट के हरिद्वार पहुंच रहे हैं। बाहरी राज्यों एवं उत्तराखंड रोडवेज की बसों को बॉर्डर पर यात्रियों की निगेटिव रिपोर्ट चेक करने के लिए नहीं रोका जा रहा है। बाहरी राज्यों से बसें सवारियां लेकर आ रही हैं। बस अड्डे पर भीड़ जुट रही है। हालांकि, निजी वाहनों से आने वालों की बॉर्डर पर औपचारिकता निभाई जा रही हैं। रैंडम निजी वाहनों को रोकने पर निगेटिव रिपोर्ट नहीं होने के बाद भी यात्रियों को नहीं लौटाया जा रहा है। एसओपी में हरिद्वार में होटल और धर्मशालाओं में ठहरने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता है। यात्री बिना रिपोर्ट हरिद्वार तो पहुंच रहे हैं, लेकिन ठहरने के लिए भटक रहे हैं। इससे होटल व धर्मशाला संचालकों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।

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