तीलू रौतेली पुरस्कारों में भाजपाई बंदरबांट की धीरेंद्र प्रताप ने की निंदा

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कल घोषित 22 लोगों को दिए गए तीलू रौतेली पुरस्कारो में भाजपाई बंदरबांट की कड़ी निंदा की है। प्रताप ने कहा है कि जिस तरह से भाजपा ने 22 में से आधे से ज्यादा पुरस्कार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं, उनके रिश्तेदारों और चाटूकारों में बांट दिए हैं उससे यह उक्ति सिद्ध हो गई है कि अंधा बांटे रेवड़ी अपने अपने को दे। उन्होंने कहा कि भाजपा को इन पुरस्कारों की समीक्षा करनी चाहिए और जिस भी स्तर पर यह बंदरबांट हुई है उस पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति ने अनेक क्षेत्रों में इस वर्ष भी और इससे पहले भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं और सरकार को चाहिए कि वह पुरस्कारों के आवंटन में भाई भतीजावाद और घालमेल पर रोक लगाएं। उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से अपील की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और तीलू रौतेली पुरस्कारों की जो घोषणा की गई है उसमें योग्यता के आधार पर मातृशक्ति का चयन हो इसको सुनिश्चित करने के आदेश राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दें। धीरेंद्र प्रताप जो राज्य आंदोलनकारियों के सबसे बड़े संगठन चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक भी हैं ने इस मौके पर ऐलान किया कि कल 8 अगस्त 2021 को राज्य भर के हजारों आंदोलनकारी देहरादून आएंगे और सुबह 11 बजे बहल चैक राजपुर रोड पर एकत्रित होकर मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे और 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किए जाने, स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाए जाने, अचिन्हित आंदोलनकारियों को चिन्हित किए जाने, आंदोलनकारियों के आश्रितों को नौकरी और पेंशन दिए जाने, राज्य में भ्रष्टाचार पर रोक लगाए जाने हेतु लोकायुक्त कानून की नियुक्ति किए जाने जैसी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राजीव रत्न अवार्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड किए जाने को भी निशाना बनाते हुए मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की मांग की और कहा कि जब सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर भाजपा नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर सकती है और अरुण जेटली के नाम से स्टेडियम बनाए जा सकते हैं जो शहीद राजीव गांधी के नाम से पुरस्कारों का नाम बदलना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है उन्होंने भाजपा के फैसले को दुर्भावनापूर्ण बताया वह इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की। प्रेस वार्ता में धीरेंद्र प्रताप के अलावा पूर्व राज्य मंत्री मनीष नागपाल और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय सचिव नरेंद्र सेठियाल भी मौजूद थे।

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