डीआईटी यूनिवर्सिटी ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच मनाया एनएसएस दिवस

देहरादूना। डीआईटी विश्वविद्यालय एनएसएस परिषद ने परिसर में 52वां एनएसएस दिवस मनाया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अजय अग्रवाल, राज्य एनएसएस अधिकारी, उत्तराखंड ने किया। प्रो. वंदना सुहाग, रजिस्ट्रार और प्रो नवीन सिंघल, चीफ प्रॉक्टर और एनएसएस कोऑर्डिनेटर सहित अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति समारोह में उपस्थित थे। यह दिन उन छात्रों द्वारा प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए समर्पित था, जिन्होंने गीत, कविता, नृत्य का प्रदर्शन किया। मौजूद छात्रों को विश्वविद्यालय के एनएसएस डिवीजन द्वारा किये गए कोविड राहत कार्य, योग महोत्सव, हिंदी दिवस और अन्य सामाजिक गतिविधियों सम्बन्धी एक प्रस्तुति भी दिखाई गई। कुल 250 एनएसएस स्वयंसेवकों और गाइडों के बीच, सर्वश्रेष्ठ एनएसएस अधिकारी और सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक जैसे पुरस्कार भी वितरित किए गए। शिवानी, एमबीए प्रथम वर्ष की छात्रा और उसके समूह ने गणेश वंदना नृत्य प्रदर्शन किया, जिससे हाल तालियों से गूँज उठा। एनएसएस के स्वयंसेवकों ने 24 सितम्बर को सुबह पौधरोपण अभियान भी चलाया। युवा मामले और खेल सम्बन्धी भारत सरकार का केंद्रीय मंत्रालय राष्ट्रीय सेवा योजना की देखरेख करता है, जो एक सार्वजनिक सेवा कार्यक्रम है। भारत हर साल 24 सितंबर को राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस (एनएसएस दिवस) मनाता है। महात्मा गांधी के शताब्दी वर्ष (1969) के दौरान, 24 सितंबर को, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का उद्घाटन किया गया था, जिसमें 37 संस्थानों के 40,000 छात्र स्वयंसेवक शामिल थे। राष्ट्रीय सेवा योजना का एक आदर्श वाक्य है जिसका अर्थ है मैं नहीं बल्कि आप। यह आदर्श वाक्य निस्वार्थ सेवा की आवश्यकता पर जोर देता है और लोकतांत्रिक जीवन की भावना का भी प्रतिनिधित्व करता है। सभी युवा स्वयंसेवक जो एनएसएस के नेतृत्व वाली सामुदायिक सेवा के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने का विकल्प चुनते हैं, वे गर्व के साथ एनएसएस बैज पहनते हैं और जरूरतमंदों की मदद करने की जिम्मेदारी की भावना रखते हैं।

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