विश्व हृदय दिवस पर मैक्स अस्पताल ने लोगों को किया हृदय रोगों से बचाव के प्रति जागरूक

देहरादून। विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल देहरादून ने जनता को स्वस्थ जीवन शैली के प्रति प्रेरित करने के लिए आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है। हमारे देश में हर साल कार्डियोवैस्कुलर बीमारी या सीवीडी से 1 करोड़ से अधिक लोगों की मौत होती है। यह इवेंट लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने व अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने तथा लोगों को हृदय संबंधित समयस्यों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई, ताकि लोग स्वस्थ हृदय के साथ अच्छा औऱ लंबा जीवन जी सकें। इस बात की ओर ध्यान दिया जाना जरूरी है की असमान जीवन शैली, रोजमर्रा के काम के दौरान होने वाला तनाव और असंतुलित खान-पान हृदय संबंधित बीमारीयों का प्रमुख कारण होता हैं। कार्यक्रम में बोलते हुए, डॉ प्रीति शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने कहा, “भारत के 12 शहरों में किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि,70 प्रतिशत से अधिकभारतीय शहरी आबादी को हृदय रोग से संबंधित खतरा है और उन्हेंडॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। इस वर्ष का थीम है-’विश्व स्तर पर हृदय संबंधित समयस्यों के बारे में जागरूकता फैलाने, बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन में सुधार के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करना’। डॉ योगेंद्र सिंह, एसोसिएट डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने आगे कहा, “हृदय रोग (सीवीडी) दुनिया भर में होने वाली मौत का प्रमुख कारण है। सीवीडी के दो सबसे आम प्रकार कोरोनरी हृदय रोग (दिल के दौरे का कारण ) और सेरेब्रोवास्कुलर रोग (स्ट्रोक का कारण) हैं। डॉ पुनीश सदाना, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने कहा, “शहरी क्षेत्रों में, 32.8þ मौतें हृदय रोगों के कारण होती हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत 22.9þ है। यदि सभी आयु समूहों के लोगों को शामिल कर लिया जाएं, तो सभी मौतों का लगभग 19þ कारण हृदय रोगहोता है। यह पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी मौत का प्रमुख कारण है। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ रवि कुमार सिंह, सीनियर कंसल्टेंट और हेड-सी टी वी एस ने कहा कि, “लगभग 3 करोड़ भारतीय हृदय रोग से पीड़ित हैं। दिल की बीमारियों का खतरा कोई नया नहीं है। हमारें द्वारा जीवनशैली के लिए चुने गए विकल्प भी हृदय से जुड़ी बीमारियों का कारण बनती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोनरी धमनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, मधुमेह और रूमेटिक हृदय रोग के कारण हृदय गति रुकने से बहुत से लोगों की मौत होती है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को दिल की बीमारी होने का खतरा होता है। जीवनशैली की आदतों को यदि प्रारंभिक अवस्था में बदल दिया जाए तो यह व्यक्ति के हृदय और स्वास्थ्य पर बहुत ही बेहतर और अनुकूल प्रभाव डाल सकती है।“

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