दिग्विजय दिवस के पर भारतीय शिक्षण मंडल की बैठक

देहरादून। स्वामी विवेकानंद के सन् 1893 शिकागो में धर्म सभा में ऐतिहासिक उद्बोधन के उपलक्ष्य में भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा इस दिवस को दिग्विजय दिवस के रूप में मनाया गया। दिग्विजय दिवस के अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल, उत्तराखंड प्रान्त द्वारा आयोजित बैठक में प्रो० डॉ० सुरेश चौबे पूर्व कुलसचिव उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने गूगल मीट के माध्यम से अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपने संबोधन में नैतिक कर्तव्य पर विशेष जोर दिया था। साथ ही उन्होंने कहा कि समस्त विश्व स्वामी के संबोधन को आज भी याद करता हैं। भारतीय शिक्षण मंडल उत्तराखंड प्रांत के नव नियुक्त विस्तारक अक्षुण्ण गायकवाड ने कहा कि हमें अधिकार से ज्यादा कर्तव्य पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हमें अशांति से शांति की ओर लौटने की आवश्यकता है। कुमुद ने कहा की स्वामी विवेकानंद के धर्म सभा में किए गए अद्भुत सम्बोधन से पाश्चात्य देशों को भारत की सपेरों के देश वाली छवि से भरा आना पड़ा। बैठक में स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद और कई महापुरुषों और मनीषियों के जीवन दर्शन पर चर्चा की गई और उनके महान विचारों और दी गई शिक्षा को स्वयं अपने-अपने जीवन में अपनाने की बात कही गई। समाज में शिक्षा से ही सतत और समग्र विकास संभव है। इस अवसर पर कार्यकारिणी के सदस्य संजीव जैनथ उपाध्यक्ष, संदीप विजय प्रान्त मंत्री, गगन माटा सह मंत्री, कुमुद उपाध्याय, महेश मनचंदा, बने सिंह मीणा, संकर्षण मिश्रा, रमेश रावत एवं रघुनाथ भट्ट, निशा जी, कृष्ण चंद्र सहित कई सदस्यों ने प्रतिभाग किया और अपने-अपने विचार रखे।

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