जवानों की शहादत का कोई मोल नहीं है केंद्र सरकार की नजरों मेंः मोर्चा

-देश की एजेंसियों को विरोधियों को कमजोर करने व चुनावी षड्यंत्र के काम से हटाए सरकार -उत्तराखंड के जवानों की दिनों-दिन हो रही शहादत पर सरकार मौन क्यों देहरादून/विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में उत्तराखंड के जवानों की दिनों-दिन हो रही शहादत के मामले में प्रदेश की जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है तथा जनता की खामोशी को सरकार हल्के में न ले। केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है, जिसका सबसे बड़ा कारण सरकार द्वारा देश की खुफिया व अन्य एजेंसियों को सिर्फ और सिर्फ विरोधियों को कमजोर करने, चुनावी षड्यंत्र एवं देश हित में आवाज उठाने वाले लोगों की आवाज को कुंद करने/कुचलने के काम में लगाया हुआ है ठीक उसी प्रकार जैसे विपक्षियों को सीबीआई/ईडी/सीबीडीटी/विजिलेंस आदि से डरा धमकाकर उनको कुचलने का काम किया जा रहा है। अगर इतना ध्यान केंद्र सरकार ने आतंकवाद व अन्य मामलों में दिया होता तो आज देश से आतंकवाद काफी हद तक समाप्त हो गया होता। नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जब सत्ता संभाली थी, उस समय बड़े-बड़े वादे किए थे कि देश से आतंकवाद खत्म कर देंगे, लेकिन जिस तरह से रोजाना उत्तराखंड व देश के अन्य प्रांतों के जवानों की शहादत हो रही है, उससे प्रतीत होता है कि देश की सारी एजेंसियां को अन्य किसी काम पर लगाकर सिर्फ और सिर्फ अपनी बुलंदी कायम करने जैसे झूठे कामों में लगाया हुआ है। नेगी ने कहा कि ’गत वर्ष स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत जी ने एक बयान देकर कहा था कि जब देश में युद्ध नहीं हो रहा है तो जवानों की शहादत क्यों द्य’ क्या सरकार को श्री भागवत के मंतव्य एवं उनकी भावनाओं की भी कोई चिंता नहीं है। जवानों ने अपना सर्वाेच्च बलिदान देकर सिद्ध कर दिया है कि देश पर दुश्मनों की नजर नहीं पड़ने देंगे। नेगी ने कहा कि इस मीडिया जनित सरकार ने जवानों की शहादत के मामले में पूर्ववर्ती सरकार को भी पछाड़ दिया है द्य इस सरकार के कार्यकाल में जवानों की दोगुनी शहादत हुई है। मोर्चा केंद्र सरकार से मांग करता है कि देश के एजेंसियों को निजी स्वार्थों में न लगाकर देश हित में लगाए।

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