जिला पंचायत की बैठक में छाए रहे पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा, पेंशन के मुद्दे

देहरादून। जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार गांधी रोड़ में आयोजित जिला पंचायत की बैठक में जल संस्थान, पेयजल निगम, स्वास्थ्य, शिक्षा, विद्युत, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, तहसील और ब्लौक स्तर पर लोगों के रोजमर्रा के कार्यों से संबंधित प्रकरण छाये रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि विकास कार्यों और सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में विभाग तेजी दिखायें। उन्होंने जिला पंचायत सदस्यों द्वारा विभिन्न विभागों में विकास कार्यों संबंधित दिए जाने वाले आवेदनों को गंभीरता से और प्राथमिकता में लेते हुए उन पर समय से कार्यवाही पूर्ण करने को कहा। बैठक में कई सदस्यों ने बात उठायी कि बहुत से विभाग उनके द्वारा दिए गए प्रस्तावों को गंभीरता से नहीं लेते साथ ही विभाग कुछ ऐसे अव्यवहारिक प्रस्तावों को भी स्वीकृति प्रदान करते हैं जिनकी व्यवहारिकता में प्रासंगिता नहीं होती। सदस्यों ने बात उठायी कि जल संस्थान ऐसे स्थानों पर टैंक बना रखें है जहां पर स्त्रोत नीचे हैं और टैंक ऊँचाई पर तथा कुछ विभागों के प्रस्ताव स्थानीय जरूरत के अनुकूल न होकर मात्र कन्ट्रेक्टर केन्द्रित होते हैं। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि किसी भी विकास कार्यों से संबंधित डी0पी0आर0 और उसका आगणन तैयार करने से पूर्व संबंधित स्थान का विजिट जरूर कर लें तथा स्थानीय जरूरत, व्यावहारिकता और प्रासंगिता के आधार पर डी0पी0 आर0 और प्रस्ताव का आकलन तैयार करें। सदस्यों ने 108 आपातकालीन एम्बुलेंस वाहन चालकों द्वारा जानबूझकर की जा रही लापरवाही के चलते लोगों की जान से खिलवाड़ करने की बात सदन में उठाते हुए कहा कि कतिपय 108 वाहन चालक पेशेंट को अच्छे और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने वाले सरकारी अस्पतालों में ना ले जाकर मनमाने तरिके से अपनी समझ में प्राइवेट अस्पतालों में ले जाते हैं। जिससे कई बार आपात स्थिति में मरीज को वो सही चिकित्सा नहीं मिल पाता जिसकी उसको जरूरत होती है। इससे कई बार मरीज को एक जगह से दूसरे अस्पताल में शिप्ट करवाना पड़ता है तथा मरीज के गोल्डन ऑवर टाइम में तब तक काफी देर हो जाती है। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि ये बहुत ही गंभीर विषय है और स्वास्थ्य विभाग को इस पर तत्काल रोक लगानी चाहिए तथा विभाग के अधिकारी बीच-बीच में मौके पर 108 एम्बुलेंस की कार्यप्रणाली चौक भी करें तथा किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर उसकी जांच करते हुए यदि कोई लापरवाही पायी जाती है, तो उन पर सक्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी 108 वाहन चालकों को एक बार पुनः ब्रिफ किया जाए कि आपात स्थिति में एम्बुलेंस को ऐसे नजदीकी सरकारी अस्पताल में ले जाएं जहां सभी तरह की सुविधा उपलब्ध हो। साथ ही यदि नजदीक में कोई बेहतर प्राइवेट अस्पताल है तो मरीज की स्थिति को देखते हुए ही वहाँ पर भर्ती कराएंगे लेकिन जानबूझकर मरीज को गलत जगह ना ले जाया जाए। उन्होंने सभी विभागों को विकास कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए तेजी से कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभिन्न सदस्यों द्वारा सदन में उठायी गयी बातों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्य करेंगे। इस दौरान बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्याम सिंह पुण्डीर, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजीव कुमार त्रिपाठी, परियोजन अधिकारी डीआरडीए विक्रम सिंह, डी0पी0आर0ओ0 एम.एम.खान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, जिला पंचायत सदस्य और संबंधित कार्मिक उपस्थित थे।

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