मां जगदीशिला डोली रथयात्रा का दून में विभिन्न स्थानों पर हुआ स्वागत, लोगों ने लिया आशीर्वाद

देहरादून, गढ़ संवेदना। बाबा विश्वनाथ मां जगदीशिला डोली रथयात्रा गुरुवार को हरिद्वार से देहरादून पहुंची। देहरादून में नगरनिगम कार्यालय परिसर में डोली रथ यात्रा का भव्य स्वागत हुआ। यहां पर मेयर सुनील उनियाल गामा व अन्य लोगों द्वारा डोली यात्रा का स्वागत किया गया। नगरनिगम कार्यालय परिसर से डोली यात्रा दून के अन्य क्षेत्रों के लिए रवाना हुई। लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर मां जगदीशिला का आशीर्वाद लिया। शुक्रवार को जगदीशिला डोली रथ यात्रा पछवादून के लिए रवाना होगी। नगरनिगम कार्यालय स्थित जुगमंदर हाल में आयोजित डोली शोभायात्रा स्वागत कार्यक्रम की अध्यक्षता मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा की गई। इस मौके पर यात्रा संयोजक पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि 30 दिवसीय बाबा विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथयात्रा राज्य के सभी 13 जिलों से होकर गुजरेगी। उन्होंने कहा कि इस डोली रथयात्रा का मुख्य उददेश्य विश्व शांति व देवभूमि उत्तराखंड में 1000 धाम स्थापित करना है। यह 23वीं डोली रथयात्रा है। डोली रथ यात्रा 10 मई को विशोन पर्वत टिहरी से हरिद्वार पहुंची। 11 मई को हरिद्वार में हरि की पौड़ी पर गंगा स्नान के बाद डोली रथ यात्रा हरिद्वार में विभिन्न स्थानों पर गई। गुरुवार को यह यात्रा हरिद्वार से देहरादून के लिए रवाना हुई, देहरादून में विभिन्न स्थानों पर डोली यात्रा का लोगों ने स्वागत किया व मां जगदीशिला से आशीर्वाद लिया। यात्रा संयोजक श्री नैथानी ने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से प्रदेश में साढ़े दस हजार किलोमीटर की यात्रा तय की जाएगी। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि पूर्व में यात्रा के दौरान जो 141 स्थान चयनित हो चुके हैं उन्हें तीर्थाटन सर्किट में शामिल किया जाए। कहा कि डोली यात्रा विगत वर्ष जिन स्थानों पर जा चुकी है उन स्थानों पर इस समय नहीं जाएगी। यात्रा नए स्थानों पर जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों में बंजर पड़ी जमीन को आबाद करने, पलायन कर चुके लोगों को गांवों की ओर लौटने के लिए जागरूक करना भी इस यात्रा का उद्देश्य है। संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए भी इस यात्रा के माध्यम से प्रयास किए जाएंगे। जो एक हजार धाम चिन्हित होंगे, उन सभी धामों में संस्कृत विद्यालय व ध्यान केंद्र खोले जाएंगे। कहा कि राज्य में चारधाम के अलावा बहुत सारे मंदिर व स्थल हैं जहां लोगों के कष्ट दूर होते हैं, उनको धाम के रूप में विकसित किया जाए। इस मौके पर देवभूमि प्राथमिक संस्कृत विद्यालय के छात्रों द्वारा स्वस्तीवाचन किया गया। नगरनिगम में आयोजित कार्यक्रम में बतौर विशिष्ठ अतिथि राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, राज्य पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा, लालचंद शर्मा, समिति अध्यक्ष रूप सिंह बजियाला, गोविंद पेटवाल, डा. जितेंद्र पाल, कर्म सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. चंडी प्रसाद घिल्ड़ियाल द्वारा किया गया। इस मौके पर बाबा विश्वनाथ मां जगदीशिला पर आधारित यूट्यूब चैनल का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया गया। इस यूट्यूब चैनल के निर्माता व निर्देशक कैलाशपति मैठाणी हैं। डोली का रात्रि विश्राम यात्रा संयोजक पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के निवास नंदा विहार नवादा में होगा। 13 मई को डोली रथयात्रा नवादा से लख्सियार स्थित महासू मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा सुद्धोवाला, झाझरा, सेलाकुई, सहसपुर, हर्बटपुर, विकासनगर, बाड़वाला, कालसी, लखवाड़ होते हुए लक्सियार महासू मंदिर पहेुचेगी, रात्रि विश्राम वहीं होगा। 14 मई को डोली रथयात्रा लक्सियार से सेरकुरिया देवता मंदिर रायगी के लिए प्रस्थान करेगी। 15 मई को यात्रा रायगी से शिकारू नाग मंदिर चंदेली के लिए प्रस्थान करेगी। 16 मई को यात्रा नागराजा मंदिर क्यारी थौलधार के लिए प्रस्थान करेगी। 17 मई को यात्रा चंबा के लिए प्रस्थान करेगी। 18 मई को डोली यात्रा चंबा से पुनाणू शिवालय के लिए प्रस्थान करेगी। 19 मई करे यात्रा पलेठी बनगढ़ के लिए प्रस्थान करेगी। 20 मई को यात्रा बनगढ़ से कमलेश्वर मंदिर श्रीनगर गढ़वाल पहुंचेगी। 21 मई डोली यात्रा बड़ागांव जोशीमठ के लिए रवाना होगी। 22 मई को यात्रा कुरुड़ मां चंदा मंदिर चमोली पहुंचेगी। 23 मई को डोली यात्रा धुनारधार गांवली पहुंचेगी। 24 मई को डोली यात्रा लाटू देवता मंदिर चमोली के लिए प्रस्थान करेगी। 25 मई को यात्रा वाण गांव से चमोली के भराड़ी बाराही पहुंचेगी। 26 मई को यात्रा सतगढ़ पहुंचेगी। 27 मई को यात्रा पिथौरागढ़ पहुंचेगी। 28 मई को डोली यात्रा गोल्जू महाराज मंदिर चंपावत के लिए प्रस्थान करेगी। 29 मई को यात्रा डोल आश्रम अल्मोड़ा पहुंचेगी। 30 मई को डोली यात्रा सत्यनारायण मंदिर हल्द्वानी पहुंचेगी। 31 मई को यात्रा तारकनाथ मंदिर रूद्रपुर उधमसिंहनगर पहुंचेगी। 1 जून को यात्रा गुरुद्वारा जसपुर पहुंचेगी। 2 जून को यात्रा कोटद्वार पौड़ी पहुंचेगी। 3 जून को यात्रा डा. जैक्सवीन नेशनल स्कूल गुप्तकाशी रूद्रप्रयाग पहुंचेगी। 4 जून को यात्रा बासुदेव मंदिर गंगानगर बांगर रूद्रप्रयाग पहुंचेगी। 5 जून को यात्रा बजीरा लस्या पहुंचेगी। 6 जून को यात्रा शिवदेई मंदिर एवं नागेंद्र देवता मंदिर बजीरा लस्या पहुंचेगी। 7 जून को यात्रा मालगांव हिंदाव के लिए प्रस्थान करेगी। 8 जून को यात्रा विशोन पर्वत विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी। 9 जून को 30वें दिन गंगा दशहरा के दिन डोली यात्रा का विश्वनाथ मंदिर में नीलाछाड़ में समापन होगा।

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